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सात सितंबर से शुरू होने वाली है भारत जोड़ो यात्रा..कांग्रेस पार्टी

‘‘एक तेरा कदम, एक मेरा कदम मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन..

नई दिल्ली।कांग्रेस पार्टी की सात सितंबर से शुरू होने वाली भारत जोड़ो यात्रा से सम्बंधित लोगो, टैगलाइन, वेबसाइट और पुस्तिका का मंगलवार को विमोचन किया और कहा कि आर्थिक विषमताओं, सामाजिक ध्रुवीकरण एवं राजनीतिक विभाजन के मद्देनजर यह यात्रा ‘देशहित’ के लिए आवश्यक है।

पार्टी ने यह भी कहा कि इस यात्रा के जरिए बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘एक तेरा कदम, एक मेरा कदम मिल जाए तो जुड़ जाए अपना वतन. आओ साथ मिलकर भारत जोड़ें। ”कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और महासचिव जयराम रमेश ने इस यात्रा के लोगो, पुस्तिका और वेबसाइट का विमोचन किया। इस यात्रा के लिए टैगलाइन ‘मिले कदम, जुड़े वतन’ होगी।

दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस देश में नफरत का माहौल बना हुआ है, व्यवस्था भारतीय संविधान के विपरीत काम कर रही है, महंगाई-बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, आर्थिक-सामाजिक दूरियां बढ़ती जा रही हैं, धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है, नफरत फैलाई जा रही है, एक-दूसरे की आस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाया जा रहा है; ऐसे माहौल में भारत जोड़ो यात्रा देश के लिए आवश्यक है।” आगे कहा, ‘‘यह यात्रा देशहित में है. हम इस यात्रा को दलगत नहीं बनाना चाहते हैं। ”

सिंह ने बताया, ‘‘100 पदयात्री होंगे, जो शुरू से आखिर तक चलेंगे. वो ‘भारत यात्री’ होंगे। जिन प्रदेशों से यह यात्रा नहीं गुजर रही है, उसके 100-100 लोग इसमें शामिल होंगे, ये लोग अतिथि यात्री होंगे। जिन प्रदेशों से यात्रा गुजरेगी उनसे 100-100 यात्री शामिल होंगे। ये प्रदेश यात्री होंगे। एक समय इसमें 300 पदयात्री शामिल रहेंगे। ”उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘राहुल गांधी देश के बड़े नेता हैं और यात्रा में ‘भारत यात्री’ होंगे।”

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘देश में इतने बड़े पैमाने पर न कोई पदयात्रा हुई है, न कोई जनसंपर्क अभियान हुआ है। हमें इस बात पर गर्व है कि जिस कांग्रेस ने जन आंदोलन से देश को आजाद कराया, वह अब सामाजिक समरसता को दोबारा वापस लाने और जनता को मुखर करने के लिए यात्रा निकालने जा रही है।”जयराम रमेश ने कहा, ‘‘हमारे देश में आर्थिक चुनौतियां हैं, विषमताएं बढ़ती जा रही हैं, एक तरीके से राजनीतिक विभाजन हो रहा है। इसलिए भारत को जोड़ना है।”

राहुल गांधी के साथ बैठक में शामिल सामाजिक संगठनों के नेताओं के अतीत के रुख के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, ‘‘कल जो बैठक हुई उसमें समाजवादी संगठन थे, लोहियावादी संगठन थे, वामपंथ से जुड़े हुए संगठन थे, कांग्रेस समर्थक थे, कांग्रेस के आलोचक भी थे. इनमें काफी संगठन हमारे विरोध में थे और भ्रम में आकर हमारे के खिलाफ अभियान चला लिया था। अब ये सब संगठन समझ गए हैं कि कांग्रेस के सिवाय कोई विकल्प नहीं है।”

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