छत्तीसगढ़

अपर सत्र न्यायालय ने हत्या के आरोपी को धारा 302 एवं 201 के तहत में आजीवन कारावास एवं 1000 के जुर्माने से दंडित किया

सक्ति।अभियोजन के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से है कि प्रकरण के सूचना कर्ता नरेश कुमार खंडे के द्वारा थाना बाराद्वार में रिपोर्ट दर्ज करवाया गया कि दिनांक 22.7. 2020 को रात्रि 7:45 बजे भूपेंद्र निराला की दुकान के पास वह, दिलीप खंडे, तिरीथ खांडे रूपेंद्र निराला, रथराम बैठे थे उसी समय दिलीप खांडे अपने मोटरसाइकिल तिरिथ राम खंडे को पीछे बैठा कर बाराद्वार तरफ चला गया, उसके बाद वह भी अपने घर जाकर खाना खाने के बाद सो गया। दिनांक 23.7. 2020 को सुबह उठा तो 7:00 बजे उसे सोनू खांडे ने बताया कि दिलीप खांडे, तिरिथ खंडे रात से वापस घर नहीं आए हैं दोनों के मोबाइल पर कॉल करने पर बंद बताया जा रहा है आसपास खोजबीन किए पूछताछ की तब बाराद्वार के तुषार सिंह छतरी ने रमेश को बताया कि वह दिलीप खांडे व कुछ लोगों को दीपक ठाकुर के घर के सामने नहर तरफ रात को देखा था इस बात को रमेश उसे बताया तब वह और रमेश, दीपक ठाकुर के घर के सामने जाकर खोजे तो नहरपार में छोटा नीम झाड़ के सामने सड़क किनारे दूसरी तरफ एक लोहे का रॉड दो जोड़ी हवाई चप्पल पड़ी थी आसपास खून जैसे निशान थे। वे लोग चप्पल को देखकर दिलीप खांडे एवं तीरथ राम का होना पहचाने नीचे घास में नहर के पानी की ओर किसी चीज को घसीट कर पानी में फेकने का निशान दिख रहा था।

तब अनहोनी की आशंका पर दिनेश रत्नाकर रमेश टंडन रथ राम खंडे रंजीत खुटे एवं अन्य लोग व बाराद्वार पुलिस वाले मौके पर आए फिर वे लोग नहर के पानी में उतरे पैर से मोटरसाइकिल टकराया मोटरसाइकिल को रस्सी से बांधकर बाहर निकाले तो दिलीप खंडे एवं तिरिथ खंडे का शव मोटरसाइकिल में साड़ी एवं गमछा से बंधा था तिरीथ राम के कान, सिर, गला, हाथ, तथा दिलीप के सिर में गहरा चोट तथा कंधे पर धारदार हथियार से मारने के निशान मौजूद थे दोनों को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा धारदार हथियार से मारकर हत्या कर लाश को छुपाने के लिए मोटरसाइकिल में साड़ी और गमछा से बांधकर मार के पानी में छुपा दिया था उक्त सूचना के आधार पर पृथक पृथक देहाती मर्ग क्रमांक 0/2020 कायम किया गया। नरेश खंडे की सूचना पर देहाती नालशी 0/20 दर्ज किया गया।

थाना बाराद्वार में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र क्रमांक 206/2020 धारा 302 201 भादवी. के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया। मृतकगण का शव पंचनामा तैयार किया गया घटनास्थल से जब्ती कार्यवाही की गई पोस्टमार्टम कराया गया आरोपीगण का मेमोरेंडम कथन दर्ज किया गया जिसके आधार पर लोहे का रॉड एवं तलवार जप्त किया गया संपूर्ण विवेचना पश्चात अभियुक्तगण के विरुद्ध चालान पेश किया गया उपारपण पश्चात प्रकरण प्रथम अपर सत्र न्यायालय शक्ति में प्राप्त होने पर विचारण प्रारंभ किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से 12 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया। आरोपी गण की ओर से बताया गया कि वे लोग निर्दोष हैं उन्हें इस प्रकरण में झूठा फंसाया गया है शासन की ओर से बताया गया कि आरोपी गण के द्वारा ही घटना किया गया है इसलिए उन्हें कठोर से कठोर दंड से दंडित किए जाने का निवेदन किया गया दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात प्रथम अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश श्री बी.आर. साहू नेआदेश दिनांक 1:7:2023 को आरोपी विजय कुमार रात्रे एवं दिनेश बंसल को धारा 302 भा द वी में आजीवन कारावास एवं 1000 के जुर्माने से तथा धारा 201 भादवी के लिए 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1000 के जुर्माने से दंडित किया गया अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक शासकीय अभिभाषक श्री दुर्गा प्रसाद साहू द्वारा पैरवी किया गया।

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