सावधान! देश में अगले 5 दिनों में बढ़ेगा तापमान, IMD ने जारी किया अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शनिवार को कहा कि अगले पांच दिनों में देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है. आईएमडी ने अपनी एडवायजरी में कहा, ‘अगले 5 दिनों के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 4 डिग्री सेल्सियस का इजाफा होगा.’
मौसम कार्यालय ने पूर्वानुमान जताया है कि अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में गरज के साथ बारिश और तेज हवाएं चलेंगी. विभाग ने अपने परामर्श में कहा, ‘अगले दो दिनों के दौरान मध्य प्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में तेज हवाओं के साथ गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है.’
आईएमडी ने बीते 1 अप्रैल को ही कहा था कि उत्तर पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों एवं प्रायद्वीपीय क्षेत्र को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल से जून तक अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. विभाग कहा कि इस दौरान मध्य, पूर्वी और उत्तरपश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्मी रहने का अनुमान है.
आईएमडी ने कहा था, ‘2023 में गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और उत्तरपश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.’ आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने एक डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा था, ‘बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में प्रचंड गर्मी (हीटवेव) पड़ने की आशंका है.’
हीटवेव की घोषणा तब की जाती है जब किसी केंद्र का अधिकतम तापमान मैदानों में कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय इलाकों में कम से कम 37 डिग्री सेल्सियस और पर्वतीय क्षेत्रों में कम से कम 30 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है और सामान्य तापमान से विचलन कम से कम 4.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो. आईएमडी के अनुसार, भारत में 1901 के बाद से 2023 में फरवरी में सबसे ज्यादा गर्मी रही.
हालांकि, सात पश्चिमी विक्षोभ के कारण सामान्य से अधिक बारिश (सामान्य तौर पर होने वाली 29.9 मिलीमीटर के मुकाबले 37.6 मिमी) होने के कारण मार्च में तापमान में गिरावट रही. मार्च 2022 अब तक का सबसे गर्म और 121 वर्षों में तीसरा सबसे सूखा वर्ष था. वर्ष 1901 के बाद से पिछले साल ही देश का तीसरा सबसे गर्म अप्रैल, ग्यारहवां सबसे गर्म अगस्त और आठवां सबसे गर्म सितंबर भी देखा गया.
मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वोत्तर और उत्तरपश्चिमी भारत तथा प्रायद्वीपीय क्षेत्र के दूरदराज हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य या उससे अधिक रहने की संभावना है. मौसम ब्यूरो ने कहा कि भारत में अप्रैल में सामान्य बारिश की संभावना है. 1971 से 2020 तक एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में देश में औसतन 39.2 मिलीमीटर बारिश हुई.