बड़ी खबर : प्रदेश के बड़े अस्पतालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, रामकृष्ण और बालाजी समेत 5 अस्पताल में पाए गई गड़बड़ियां,हुई निलंबन एवं अर्थदण्ड की कार्यवाही, लाखों का लगा जुर्माना…
रायपुर। केंद्र व राज्य द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनांतर्गत पंजीकृत निजी अस्पतालों में गड़बड़ी पाए जाने पर रायपुर और बिलासपुर के पांच अस्पतालों के खिलाफ निलंबन व अर्थदण्ड की कार्रवाई की गई है। दरअसल, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और डॉ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पतालों का ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से उपचार लेने वाले मरीजों का ऑडिट किया जाता है। विगत दिनों इस ऑडिट के दौरान कुछ अनुबंधित निजी अस्पतालों में गड़बड़ियां पाई गई थीं।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह मुख्य कार्यपालन अधिकारी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना डॉ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना राज्य नोडल एजेंसी रायपुर के द्वारा ऑडिट में गड़बड़ी पाये जाने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश जारी कर दिये गये हैं। नवापारा रायपुर का अंजली नर्सिंग होम, माहेर हॉस्पिटल व शॉह नर्सिंग होम व बिलासपुर का श्रीबालाजी हॉस्पिटल के साथ रायपुर के रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बिलासपुर के श्रीबालाजी हॉस्पिटल को एक साल के लिये निलंबित, नवापारा रायपुर के अंजली नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड व एक साल का निलंबन, नवापारा रायपुर के ही माहेर हॉस्पिटल के खिलाफ पांच लाख का अर्थदण्ड व एक साल का निलंबन, नवापारा रायपुर के ही शॉह नर्सिंग होम के खिलाफ तीन लाख का अर्थदण्ड व एक साल के निलंबन की कार्यवाही हुई है। इसके अलावा रायपुर पचपेड़ी नाका स्थित रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के खिलाफ योजनांतर्गत उपचारित मरीजों से अतिरिक्त राशि लिये जाने के मामले में राशि 6,16,834/- का अर्थदण्ड लिया गया है साथ ही इतनी ही राशि संबंधित मरीजों को वापस दिलायी गई है।
इस टोल फ्री नंबर में करें शिकायत :-
योजनांतर्गत पंजीकृत अस्पतालों में किसी भी तरह की दिक्कत होने पर मरीज या उसके परिजन सीधे टोल फ्री नंबर 104 या 14555 में शिकायत कर सकते हैं। शिकायत के आधार पर त्वरित कार्यवाही की जाती है। इसके अलावा उपचारित मरीजों की ऑनलाईन सॉफ्टवेयर में उपलब्ध डेटा का ऑडिट भी लगातार संबंधित चिकित्सकों के द्वारा किया जाता रहता है। इसके आधार पर भी राज्य नोडल एजेंसी रायपुर द्वारा समय-समय पर कार्यवाही की जाती है जिससे मरीजों को निःशुल्क व समुचित उपचार मिल सके।