लैलूंगा के राजपुर धान खरीदी केंद्र में बोगस धान खरीदी करने वाले 7 पर जल्द हो सकती है एफआईआर दर्ज, तहसीलदार,आर.ईओ समेत 5 अन्य

लैलूंगा।और राजपुर मंडी में साल 2021-22 की धान खरीदी में लाखों रुपए की बोगस धान खरीदी का मामला सामने आया था। प्रकरण कलेक्टर कोर्ट में विचाराधीन है। बुधवार को कलेक्टर रानू साहू के निर्देश पर राजपुर और लैलूंगा समिति के प्रबंधकों और प्रभारी कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर की प्रक्रिया चल रही है, देर रात तक मामला दर्ज हो सकता है।
तत्कालीन तहसीलदार कृषि कृषि विभाग के एसडीओ की वेतन वृद्धि रोकने और विभागीय कार्यवाही के लिए लिखा है। सरकार के निर्देश पर पंजीयन नहीं करा पाने वाले किसानों के रकबा संशोधन के निर्देश दिए गए थे। मंशा थी कि पोर्टल में दिक्कत और दूसरी परेशानियों के कारण जो किसान पंजीयन नहीं करा पाए वे धान बेचने से वंचित ना रहें। तहसीलदारों को रकबा संशोधन का अधिकार दिया गया। लैलूंगा के तहसीलदार जेआर शतरंज ने पोर्टल की आईडी पासवर्ड अपने लिपिक को बताई।
वह मिलर, समिति और कुछ किसानों के साथ मिल गया। एक किसान के खाते में दूसरे गांव के किसानों का रकबा जोड़ दिया। ऐसे खेत जोड़ दिए गए जिनमें कहीं सब्जी उगी थी तो कोई बंजर था। इन खातों पर समिति प्रबंधक और कर्मचारियों ने टोकन काटे। कागजों पर धान बिक गया और भुगतान भी हो गया। किसानों के खातों से निकालकर पैसे सब लोगों ने बांट लिए। समाचार पत्र व मीडिया ने यह मामला उठाया तो तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर अफसरों ने जांच की ।
राजपुर मंडी में दोष उन किसानों पर भी मढ़ा, जिनके खातों में दूसरे किसानों का रकबा जोड़कर धान की कागजों में खरीदी की गई और सरकारी राशियों की बंदरबांट की गई। दोषी प्रबंधक प्रहलाद बेहरा, फड़ प्रभारी लैलूंगा मंडी झसकेतन प्रधान तथा संदीप सिदार फड़ प्रभारी बिरसिंघा मंडी को बर्खास्त किया।