CG JASHPUR : मौसम के बदलाव व बरसात ने किसानों को डराया धान खराब होने की बनी अधिक संभावना..
जशपुर छत्तीसगढ़।के इन इलाकों में भी दिख रहा चक्रवाती तूफान मिचांग का असर,प्रदेश के कई इलाकों मे हो रही है बरसात से मौसम का मिजाज बदलाव दिख रहा है मौसम विभाग के मुताबिक कुछ जगहों पर तेज हवा के साथ भारी बारिश भी हो सकती है,जिसके कारण सर्द हवाओं के कारण तापमान में भी भारी गिरवाट आ रहा है।
छतीसगढ़ में सोमवार से रूक रूक कर हो रही फहुआरी वर्षा ने जिले के धान उत्पादक किसानों के माथे पर चिंता की बड़ी लकीरें खींच दी है और कटी व खड़ी हुई फसलों को लेकर चिंताएं बढ़ गई है।
एक और धान दूसरी ओर सब्जी किसानों के माथे पर खिंची दोहरी डर की लकीर…
दरअसल,मौसम के बदलते मिजाज ने अपना असर दिखाना अब शुरु कर दिया है और आने वाले दिनों में सब्जी में पाला मारने की उम्मीद से नकारा नही जा सकता जिसकी वजह से साग सब्जियों के दामों पर भी इसका सीधा असर देखने को मिलेगा मौसम के बदलाव के कारण यह आशंका जताई जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, मौसम साफ होने पर ठंड का प्रकोप बढ़ना भी तय माना जा रहा है।वहीं प्रशासनिक अधिकारी धान खरीदी केन्द्रों में किसानों से खरीद कर रखे हुए धान की सुरक्षा के लिए हाथ पैर मार रहें हैं। उल्लेखनीय है कि जिले में चालू विपणन वर्ष 2023- 24 के लिए समर्थन मूल्य में सरकारी मंडियों में किसानों से खरीदे जा रहे धान में अब तक 8291 क्विंटल खरीदी की जा चुकी है।
फिलहाल, विपणन विभाग के अनुसार जिले में कुल अब तक 13.66 प्रतिशत किसान ही धान बेचने के लिए मंडी तक पहुंचे हैं। आंकड़ों के अनुसार जिले में चालू वर्ष के लिये 45832 किसानों का पंजीकरण किया गया है। प्रदेश सरकार से जिला प्रशासन को 23 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य मिला है। लेकिन इस साल मानसून में हुए उतार चढ़ाव के कारण धान की बुआई में हुई लेट लतीफी का असर धान कटाई में देखने को मिल रहा है। दिसंबर का पहला सप्ताह समाप्त होने तक जिले में धान कटाई और मिसाई का कार्य अभी लगभग पूर्ण नही हो पाया है।
ज्ञात हो कि, अब भी खेतों में धान की फसल खड़ी हुई है और बड़ी मात्रा में कटी हुई फसल,खेतों में भी पड़ी हुई है। ऐसे में मौसम के जल्द साफ ना होने पर खेतों में पड़े हुए फसल से अंकुरण फूटने का भय भी किसानों को सताने लगा है। वहीं किसान बारिश से धान की गुणवत्ता प्रभावित होने पर इसके मंडी में रिजेक्ट होने की आशंका से भी भयभीत नजर आ रहें हैं।
धान को बचाने में जुटे खरीदी केंद्रों में कर्मचारी…
बता दें कि, सोमवार की सुबह हो रही वर्षा से जिले के धान खरीदी केन्द्रों में जमा धान को बचाने के लिए कर्मचारियों को मशक्कत करनी पड़ रही है।विगत वर्ष ही हर साल होने वाली वर्षा को देखते हुए,प्रशासन ने सभी धान खरीदी केन्द्रों को धान की बोरियों को ढकने के लिए प्लास्टिक की तिरपाल उपलब्ध करा दिया था व इस वर्ष मौसम को देखते हुए धान को तिरपाल से ढकने के लिए निर्देशित किया गया है ताकि ज्यादा नुकसान से धानो को बचाया जा सके। जिले में धान खरीदी के लिए 46 केन्द्र बनाएं गए हैं। हालांकि मौसम और विधानसभा चुनाव के कारण अभी तक किसानों के इन केन्द्रों तक पहुंचने की गति धीमी है। इसलिए केन्द्रों में धान का जमाव भी अधिक नहीं हुआ है व बफर स्टॉक पूरी तरह से लिमिट में है,संभवाना है की मौसम के खुलते ही किसानों की गति में भी तेजी दिखाई देगी।