छत्तीसगढ़बिलासपुर

Cg News : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य महकमा पर भारी पड़ रहा अपोलो प्रबंधन, आयुष्मान योजना के पंजीयन के लिए याचक बनकर सीएमओ ने लिखा पत्र….. जानिए आखिर क्या है वजह

विधायक सुशांत शुक्ला  ने खोला मोर्चा तब जाकर टूटी नींद

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य महकमा पर अपोलो प्रबंधन भरी नजर आ रहा है। इसका उदाहरण है कि सीएमओ के द्वारा अपोलो प्रबंधन को लिखा गया एक पत्र जिसमें उनकी दशा एक याचक की तरह दिखाई पड़ रही है। यही नहीं  यहां की गरीब जनता के लिए यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रशासनिक लापरवाही और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण आज तक अपोलो प्रबंधन ने आयुष्मान भारत और अन्य सरकारी चिकित्सा योजनाओं में पंजीकरण ही नहीं कराया है। इसका नतीजा यह है कि मरीजों को इलाज के लिए लाखों रुपए भुगतान करना पड़ता है, जिससे गरीब परिवार आर्थिक संकट में घिर जाते हैं। कई लोग अपने पीड़ित मरीजों का इलाज करवाने के लिए गहने और जमीन बेचने पर मजबूर हो गए हैं, और आर्थिक संसाधनों के अभाव में उन्हें गंभीर मरीजों को अन्यत्र ले जाना पड़ा।

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही…

बेलतरा के विधायक सुशांत शुक्ला ने इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाते हुए चेतावनी दी थी कि या तो अपोलो प्रबंधन आयुष्मान योजना में पंजीकरण कराए, या फिर अस्पताल बंद करने की नौबत आ जाएगी इसके बावजूद, स्वास्थ्य विभाग केवल पत्राचार तक ही सीमित रहा विभाग की ओर से कई बार अपोलो प्रबंधन को पंजीकरण के लिए कहा गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की कमजोरी को दर्शाती है..

विभाग के अधिकारी अब अपोलो प्रबंधन को जनप्रतिनिधियों की नाराजगी का हवाला दे रहे हैं, जो यह साबित करता है कि वे स्वयं इस समस्या को हल करने में सक्षम नहीं हैं।

क्या है निजी अस्पतालों की भूमिका…

आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का उद्देश्य गरीबों को मुफ्त और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। ऐसे में बड़े निजी अस्पतालों का इस योजना से बाहर रहना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के साथ अन्याय है, बल्कि यह सरकारी नीतियों की प्रभावशीलता पर भी सवाल उठाता है।

क्या कार्रवाई की आवश्यकता…

  1. कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई: सरकार को ऐसे अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो आयुष्मान जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं में पंजीकरण से बच रहे हैं।
  2. जनजागरूकता: गरीबों को उनके अधिकारों और योजनाओं की जानकारी देने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
  3. स्वास्थ्य विभाग का सुदृढ़ीकरण: सरकारी अधिकारियों को जवाबदेह बनाया जाए और स्वास्थ्य विभाग में सुधार किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
    छत्तीसगढ़ की जनता को यह उम्मीद है कि प्रशासन इस गंभीर समस्या पर शीघ्र कार्रवाई करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाएगा।

ये है आयुष्मान भारत योजना: एक…

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), जिसे आमतौर पर आयुष्मान भारत योजना कहा जाता है, भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को मुफ्त और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।

आयुष्मान भारत योजना क्या है?…

लॉन्च: सितंबर 2018
उद्देश्य: आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 5 लाख रुपये तक का वार्षिक स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना।
लाभ:
गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा।
कैशलेस और पेपरलेस उपचार।
24 विशेष श्रेणियों में 1,393 से अधिक प्रक्रियाएं कवर।
सार्वजनिक और निजी, दोनों अस्पतालों में इलाज की सुविधा।
यह योजना मुख्य रूप से BPL (गरीबी रेखा से नीचे) और निम्न-मध्यम वर्ग को ध्यान में रखकर बनाई गई है। पात्रता की जांच योजना की वेबसाइट से की जा सकती है​​​​।

छत्तीसगढ़ में स्थिति…

कुल अस्पताल: राज्य में कुल 127 सरकारी और 76 निजी अस्पताल PM-JAY के अंतर्गत पंजीकृत हैं​​।
लाभार्थियों की संख्या: अब तक छत्तीसगढ़ में 35 लाख से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा चुके हैं​​।

विशेष पहल…

राज्य सरकार ने शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान योजना के माध्यम से अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए हैं​​।

बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति…

बिलासपुर में आयुष्मान योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। हाल के घटनाक्रमों में, प्रशासन पर दबाव के बावजूद कुछ बड़े निजी अस्पतालों, जैसे अपोलो, ने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है। यह गरीब मरीजों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है क्योंकि वे महंगे इलाज के लिए मजबूर हैं​​।

निजी अस्पतालों का रुख:…

निजी अस्पतालों का नकद भुगतान पर जोर देना और योजनाओं में पंजीकरण से बचना गंभीर चिंता का विषय है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भारी नुकसान हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की प्रशासनिक कमजोरी भी उजागर होती है।

आगे की राह…

  1. सख्त निगरानी: निजी अस्पतालों पर दबाव बनाना और पंजीकरण सुनिश्चित करना।
  2. जनजागरूकता: लाभार्थियों को उनके अधिकारों और योजनाओं की जानकारी देना।
  3. सरकारी स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करना: अधिकतम लोगों को सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज मिल सके, इसके लिए सुधार की आवश्यकता है​​​​।
    छत्तीसगढ़ सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने और योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को वास्तव में इन योजनाओं का लाभ मिल सके।

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page