एन.एच.एम. कर्मचारीयों के नियमितीकरण हेतु लगातार कर रहें हैं मांग““
रायगढ़।अजर-अमर-अटल-भारतरत्न स्व. श्री अटल बिहारी बाजपेयीजी के 100वें जन्मदिन को पूरे भारत में ख़ासकर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है सुशासन के तहत बाजपेयी जी के सपनो को पूरा किया जा रहा है, जिसमे अधूरी पड़ी परियोजना जैसे नदियों को जोड़कर पानी का संचय और सिंचाई का रकबा बढ़ाना प्रमुख है सर्व शिक्षा अभियान भी उनका सपना था जिससे भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम चल रहा हैं, ग्रामीण व शहरी आम जनता को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेकों प्रकार से लाभ मिल रहा पर इसे सुचारु रूप से दिन रात मेहनत कर चलाने वाले कर्मचारियों को संविदा जैसे शोषण-कारी नीति नियम के जाल में फंसाकर प्रताड़ना के सभी हद को पार कर समान काम समान वेतन के मूल नीति भूलकर मनमर्जी का नियम बनाते हैं और संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए नियमित कर्मचारियों को मिलने वाले आधारभूत सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है
सुशासन का ढ़ोल पीटकर शासन-प्रशासन क्या साबित करना चाहते हैं जबकि चुनावी घोषणा में 100 दिन में संविदा कर्मचारियों के सभी विसँगतियों को दूरकर उनकी मांगो को पूरा करने का वादा था अपने वादे को भुलाकर छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन का खोखला दावा कर रही है ।
ज़ब तक संविदा कर्मचारी भूखे हैं,उनका परिवार मजबूर हैं तब तक सुशासन की पोल खोलने एन.एच.एम. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे अपने हक की लड़ाई को अब और तेज करने का संकल्प इस सुशासन दिवस में सभी संविदा एन.एच.एम. कर्मचारियों ने लिया है और ज़ब तक सभी मांग पूरी नहीं हो जाती आंदोलन सहित सभी तरह से सरकार को मजबूर करेंगे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारियों को कहना है इस सरकार से हमको बहुत ही भरोसा है और निश्चित रूप से स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मसलों को ध्यान में रखते हुए, एन.एच.एम.में कार्य कर रहे संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण सहित नियमित कर्मचारियों की जैसे सुविधा मिले, एन.एच.एम. कर्मचारियों का कहना हैं भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयीजी की 100 वीं जयंती का सपना साकार हो सच्चा-सुशासन सभी कर्मचारियों को प्राप्त हो और उनके जीवन में सुधार हो, कर्मचारियों का कहना हैं कि छत्तीसगढ़ सरकार इस ओर सकारात्मक पहल करते हुए “नियमितीकरण/संविलियन“ की सौगात तथा घोषित 27 प्रतिशत देने में देरी न करें और उनके सपने को साकार करें।