
रायपुर।रमजान का चांद छत्तीसगढ़ में दिख गया है. और कल यानी 12 मार्च 2024 को रमजानुल मुबारक का पहला रोजा रखा जाएगा. यह जानकारी भारत के कई राज्यों से मिली है.रमजान,इस्लाम धर्म का नौवां महीना,मुसलमानों के लिए सबसे पाक महीना है. दुनिया भर के मुस्लिम इस महीने में सूर्योदय (सेहरी का वक़्त) से सूर्यास्त (मगरिब का वक़्त ) तक रोजा रखते हैं. और पांच वक्त की नमाज के अलावा तरावीह की नमाज भी अदा करते हैं.रायपुर के हजरत मौलाना मोहम्मद अली फारुकी साहब ने एलान किया है कि आज से रमजान शुरु हो चूका है.रायपुर, दुर्ग राजनांदगांव, छुईखदान, मुंगेली, खैरागढ़ में लोगों ने चाँद देखा है.चाँद की तस्दीक हो चुकी है.चांद के दीदार के साथ ही पहले रोज़े की तैयारी शुरू हो चुकी है.ईशा की नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग पहली तरावीह भी अदा करेंगे. तरावीह का सिलसिला ईद का चांद दिखने पर जारी रहेगा. रमजान के पाक महीने में दुनिया भर के मुस्लिम अल्लाह की इबादत करते हुए रोजे रखते हैं।
इस्लाम धर्म में रमजान का क्या धार्मिक महत्व है :-
इन पाक दिनों को अल्लाह की इबादत और आपस में भाईचाराऔर प्रेम से रहने की सीख मिलती है. इस त्योहार को सभी मुस्लिम बहुत ही प्यार से मनाते हैं. और अल्लाह से शांति और बरकत की दुआएं मांगते हैं.रमजान महीने में मुसलमानों को रोजा रखना अनिवार्य होता है. इस्लाम धर्म के मुताबिक रमजान के पाक दिनों में अल्लाह की इबादत करने से अल्लाह प्रसन्न होते हैं. रमजान के दिनों को अल्लाह की इबादत के साथ आपस में प्रेम और मजहब के लिए समर्पण के तौर पर भी देखा जाता है।