
बिलासपुर।शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत गरीब वर्ग के बच्चों को सही तरीके से एडमिशन न मिल पाने को लेकर सोमवार को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 74 बच्चों का एडमिशन गड़बड़ पाने पर निरस्त करने का आदेश दिया गया है।
प्रदेश सरकार ने कोर्ट में शिकायत संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 31 प्रकरण की जांच पूरी हो चुकी है. मामले में 4 बच्चों की ओर से भी याचिका दायर की गई है. एक हस्तक्षेप याचिका को स्वीकार कर कोर्ट ने संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि दुर्ग जिले के 74 बच्चों के एडमिशन गलत तरीके से हुए हैं.इसमें बीपीएल और अंत्योदय कार्ड का गलत तरीके से उपयोग किया गया है सुनवाई के दौरान यह भी बताया गया कि वेबसाइट को हैक भी किया गया था. कोर्ट ने अगली सुनवाई 11 जुलाई को तय की है.
बता दें कि भिलाई के समाजसेवी सीवी भगवंत राव ने आरटीई में गड़बड़ी पर जनहित याचिका दायर की है. दायर इस याचिका में पूर्व में चार दर्जन निजी स्कूलों को पक्षकार बनाया गया था. पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने इन स्कूलों को नोटिस जारी किया था आरटीई के तहत शिक्षा के अधिकार की यह कानूनी लड़ाई 2012 से जारी है,2016 में हाईकोर्ट ने विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए थे. लेकिन निजी स्कूलों ने इन्हें सही ढंग से लागू नहीं किया।
इस लापरवाही और अनियमितता को देखते हुए फिर से याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सरकार और शिक्षा विभाग को विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।