रायगढ़।अमर शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह खान और शहीद रामप्रसाद बिस्मिल एवं ठाकुर रोशन सिंह के शहादत दिवस के अवसर पर सर्व मुस्लिम समाज रायगढ़ के द्वारा मुस्लिम सराय इंदिरा नगर मे “शहीदों का सपना और आज का भारत” विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
भारत की आजादी में लाखों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का योगदान है हजारों ऐसे भारत के वीर सपूत हैं जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. 19 दिसंबर को ऐसे ही वीर सपूतों शहीद अशफ़ाकउल्ला खान, राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह की शहादत दिवस हम मना रहे है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारियों द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की क्रांतिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध भयंकर युद्ध करने की इच्छा से हथियार खरीदने के लिए ब्रिटिश सरकार का हीं खजाना लूट लेने की ऐतिहासिक घटना 9 अगस्त 1925 को घटी.इसमें कुल चार लोगों को राजेंद्र लहरी अशफ़ाकउल्ला खान रामप्रसाद बिस्मिल एवं ठाकुर रोशन सिंह को फांसी की सजा दी गई.सबसे पहले 17 दिसंबर को राजेंद्र लहड़ी को फांसी दी गई. शेष 3 लोग अशफाक उल्ला खान रामप्रसाद बिस्मिल और ठाकुर रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1947 को फांसी दें दी गयी. हजारों वीर जवानों की प्राणों की आहुति के बाद हमारा देश आजाद हुआ.19 नवंबर ” बलिदान दिवस” पर शहीदों के सपने और वर्तमान भारत विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. विचार गोष्ठी मे शिक्षाविद कन्हैया पटेल ( भूतपूर्व प्राचार्य औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान रायगढ़ ) मदन पटेल (संयोजक संयुक्त किसान मोर्चा रायगढ़ ) शाहबाज रिजवी ( अध्यक्ष बहुजन समाज पार्टी रायगढ़) अभिषेक सोनी( इप्टा रायगढ़ ) शेख ताजिम पत्रकार, मोहम्मद असलम एडवोकेट , मोहम्मद मुमताज आलम, मोहम्मद मुनीर गौरी (सामाजिक कार्यकर्ता) पार्षद आरिफ हुसैन ( जिला अध्यक्ष एनएसयूआई रायगढ़ ) तथा शेख कलीमुल्लाह ( उपाध्यक्ष ट्रेड यूनियन काउंसिल) ने शिरकत किया. वक़्ताओ ने कहा कि आजादी की लड़ाई में शहीद होने वाले तमाम शहीदों का एक ही सपना था कि अंग्रेजों के चंगुल से भारत आजाद हो. आजाद भारत में हर नागरिक को समान अधिकार प्राप्त हो, उन्नति के लिए समान अवसर प्राप्त हो, संसाधनों पर सभी का हक हो, किसी प्रकार का छुआछूत ना हो , भुखमरी, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा से वंचित भारत हो, धार्मिक स्वतंत्रता हो,बोलने की आजादी हो, धर्म जाति के आधार पर किसी पर अन्याय ना हो, समता मूलक समाज का निर्माण हो. जब देश आजाद हुआ तो स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने शहीदों के सपना को संविधान में मूर्तरूप दिया. शहीदों के सपनों के अनुरूप सभी बातें आज संविधान में शामिल की गई है. यकीनन हमारा संविधान विश्व का सबसे अच्छा संविधान है.आज हम आजादी का अमृत काल मना रहे हैं लेकिन इन 75 सालों में भी शहीदों के सपने अभी भी धरातल पर दिखाई नहीं पड़ रहे है. बेरोजगारी चरम पर है, अच्छी शिक्षा आम आदमी के पहुंच से दूर होते जा रही है, स्वास्थ्यगत संस्थाओं का भी बुरा हाल है. पैसा है तो इलाज है. आम आदमी अच्छे इलाज से वंचित है. संविधान प्रदत नागरिकों के अधिकार सवालों के घेरे में है.कानून के क्रियान्वयन मे दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है.संसाधन पर कुछ लोगों का कब्जा दिखाई पड़ रहा है. अमीरी गरीबी की खाई बढ़ती जा रही है. देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर खतरा मंडरा रहा है.यह सब बातें शहीदों के सपनों के विपरीत है. इसलिए गोष्ठी में शिरकत करने वाले सभी ने कहा कि भारतीय संविधान जो की शहीदों की सपनों की पाण्डुलिपि है. आज इस पर हमला किया जा रहा है. इन सबसे परे हम संविधान का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का संकल्प लेते हैं. गोष्ठी के समापन पर गोष्ठी मे उपस्थित लोगों का आभार सर्व मुस्लिम समाज की ओर से आरिफ हुसैन द्वारा किया गया।