
जगदलपुर।छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में आयोजित एक भर्ती परीक्षा के दौरान अत्यंत दुःखद और संवेदनशील घटना सामने आई एक आदिवासी छात्रा को केवल इसलिए परीक्षा में बैठने से रोका गया क्योंकि उसने काले रंग के कपड़े पहने थे। यह निर्णय न केवल उसकी गरिमा का हनन है, बल्कि बस्तर क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है।
शिवसेना के प्रदेश नेता श्री अरुण पांडेय ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा…
“इस छात्रा को परीक्षा में बैठने से रोकने के बजाय उसके पहनावे की व्यवस्था करवाई जा सकती थी। परीक्षा का उद्देश्य योग्य उम्मीदवारों का चयन करना होना चाहिए, अपमानित करना नहीं। भर्ती परीक्षा आयोजकों को महिला बाल विकास अधिकारी से सहायता लेनी चाहिए थी ताकि उचित कपड़े की व्यवस्था हो पाती।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि…
“ऐसे अन्याय के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता है। दोषियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। बस्तर क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले हर प्रयास का हम पुरजोर विरोध करते हैं।”
विशेष आग्रह :
शिवसेना ने उस परीक्षार्थी बालिका से विशेष रूप से अनुरोध किया है कि आप इस विषय में अपने जिले के कलेक्टर से पत्राचार अवश्य करें। यह कदम न केवल आपके व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि सभी आदिवासी बहनों के लिए एक मिसाल बनेगा आपका साहस और आवाज़ अन्याय के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।