लोरमी छत्तीसगढ़। पुलिस ने डिप्टी रेंजर को गिरफ्तार कर लिया है। घायल अवस्था में लोरमी अस्पताल में इलाज चल रहा था,अस्पताल से छुट्टी होते ही लोरमी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूरा मामला लोरमी वनपरिक्षेत्र खूड़िया का है, जहां पर डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे के खिलाफ पुराने एट्रोसिटी एक्ट का मामला लोरमी थाना में पंजीबद था। जिसकी जांच चल रही थी। एसडीओपी माधुरी धीरे ने बताया कि 2 अप्रैल को ग्राम कारी डोंगरी में बतौर चौकीदार पद पर पदस्थ बहादुर राम 42 वर्ष पिता रतिराम कोलाम ने आजाद थाने में डिप्टी रेंजर प्रबल दुबे उम्र 54 वर्ष पिता शांति स्वरूप दुबे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराया था।
जिसके साथ जातिगत गाली गलौज कर मारपीट किया गया था। इस मामले में लोरमी पुलिस के द्वारा जांच किया जा रहा था। एस डी ओ पी ने बताया कि मामले की जांच करते हुए 26 अप्रैल को धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी कर 15 दिवस के भीतर जवाब तलब करने को कहा गया था, लेकिन डिप्टी रेंजर दुबे ने ना तो जवाब दिया और ना ही कार्यालय में आकर अधिकारी से संपर्क किया।
जिसके तहत आज प्रबल दुबे गवर्नमेंट हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते ही लोरमी पुलिस ने अपराध पंजी बात 294 427 3 ए के तहत गिरफ्तार कर थाने में प्रस्तुत कर रिमांड पर जेल भेज दिया।
सुर्खियों में रहा है वन विभाग…
लोरमी वन विभाग हमेशा सुर्खियों में रहा है। चाहे शिकार का मामला हो या अवैध कटाई का या फिर हाथी की मौत का इन सभी मामलों में वन विभाग सुर्खियों में रहा है।
लोरमी से लगे ही खुड़िया वन विभाग में आए दिन वन पशुओं का शिकार होने की जानकारी मिलती है, लेकिन अधिकारी इस ओर ध्यान देने के बजाय जंगल में बसे बैगा आदिवासियों को बेवजह परेशान करती है और खानापूर्ति के लिए उनके ऊपर अपराध पंजीकृत कर वहवाही लूटती है।
ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन कर डिप्टी रेंजर की पिटाई भी थी…
इसी के तहत डिप्टी रेंजर के खिलाफ ग्रामीणों ने उग्र आंदोलन किया था और ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर की पिटाई भी की थी,जिसके तहत उनका इलाज लोरमी के सरकारी अस्पताल में चल रहा था। अब देखना यह है कि क्या जंगल में बसे राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों को न्याय मिलेगा या फिर खाना पूर्ती कर वन विभाग के अधिकारी वाहवाही लूटेंगे।