छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिली रावघाट परियोजना आज विधिवत अस्तित्व में आ गई.

कांकेर।देश में छत्तीसगढ़ को एक नई पहचान मिल गई हैं। दरअसल रावघाट परियोजना आज विधिवत अस्तित्व में आ गई है। रावघाट से लौह अयस्क की पहली खेप भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के लिए भेजी गई। अंतागढ़ से भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए मालगाड़ी आज देर शाम रवाना हुई। इस दौरान देव माइनिंग कंपनी से सुमीत लोधा और सौरभ लोधा मौजूद रहे।
परीक्षण के लिए पहली खेप भेजी गई। इस परियोजना के प्रारंभ हो जाने से छत्तीसगढ़ के प्रमुख इस्पात संयंत्र भिलाई को एक नया जीवन मिलेगा। वहीं रावघाट परियोजना के लिए नई रेलवे लाइन का भी निर्माण किया जा रहा हैं।जो इस परियोजना को सुचारु रूप से चलाने के लिए और अधिक बल देगा।




