
बिलासपुर।मंगलवार को देर शाम स्वास्थ्य विभाग की बैठक में कलेक्टर अवनीश शरण ने सरकारी चिकित्सकों को कड़े शब्दो में आगाह किया है। उन्होने बताया ऐसे डॉ़क्टर जो सरकारी अस्पतालों को सेवा दे रहे हैं…यदि वह निजी अस्पतालों को भी सेवा दे रहे हैं…तो कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। बैठक के दौरान कलेक्टर ने सीएचएमओं से सूची भी मांगा है। उन्होने कहा कि जल्द से जल्द ऐसे डा़क्टरों की सूची दें…जो सरकारी अस्पतालों में हाजिरी और निजी अस्पतालों में अपनी सेवा भी दे रहे हैं।
कलेक्टर अवनीश शरण ने मंगलवार की शाम स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने निजी प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टर को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि..जल्द से जल्द निजी प्रैक्टिस करना छोड़ दें। अन्यथा सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए तैयार रहें। कलेक्टर ने कहा कि एनपीए लेकर निजी अस्पतालों में सेवा देना शासकीय के साथ-साथ नैतिक रूप से अनुचित है।
शासकीय शासकीय डॉक्टर के निजी प्रेक्टिस करने के नियम हैं। ऐसे डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग में लिखित में आवेदन देना होता है। उन्हें अपने स्वयं के क्लीनिक अथवा घर ही में ऑफिस टाइम के बाद केवल 3 घंटे के लिए प्रैक्टिस करने का प्रावधान है । किसी भी हालत में निजी अस्पतालों में जाकर इलाज करना नहीं है। कलेक्टर ने इस दौरान सीएमएचओ से ऐसे डॉक्टर की सूची मांगी है जो निजी अस्पतालों में प्रैक्टिस के लिए जाते हैं।
कलेक्टर ने कहा कि सरकार छोटे-बड़े सभी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है लेकिन इन सुविधाओं से ज्यादा डॉक्टर और कर्मचारियों की बीमार व्यक्ति की सेवा करने की मानसिकता ज्यादा जरूरी है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि ज्यादातर गरीब लोग शासकीय अस्पताल में बड़े विश्वास के साथ इलाज कराने आते हैं । उनके विश्वास को बनाए रखने का प्रयास किया जाना चाहिए।