बरसात में बढ़ रहे पेड़ की डगालिया पहुंची हाई वोल्टेज के संपर्क में वार्डवासियों की सतर्कता से टला बड़ा हादसा…

रायगढ़।खतरे की घण्टी बजा रहा था वार्ड न० 10 चांदमारी प्रेमप्रताप रिहायशी क्षेत्र में लगे 11 केबी वॉट का खंभा जागरूक वार्डवासियों की सक्रियता से एक बड़ी अनहोनी टल गई वार्ड में रह रहे सैयद नौशाद अली एवं अन्य लोगों ने बताया की 11 केबी वॉट बिजली के खम्भे वहां के वार्ड में मौजूदा पेड़ की डगालिया हाई वोल्टेज बिजली के तारों के संपर्क में था एवं अनदेखी का परिणाम शहर में किसी बड़ी अनहोनी को दुबारा जन्म दे सकता था,अभी हाल ही में ऐसे ही एक घटना कुछ दिन पूर्व में भी शहर के अंदर घट चुकी है जिसमे एक नवयुवक लड़के की बिजली के हाई वोल्टेज करंट के संपर्क में आने से अकाल मौत हो गई थी जिसके कारण एक घर का हँसता खेलता चिराग बुझ गया था।


आपको बता दें की बरसात में अक्सर पेड़ों की डगालियां एवं पत्ते बढ़ जाते है और खम्भे से होकर तारों से जाकर चिपक जाते है तथा सचेत न होने की दशा पर ऐसी विपरीत घटनाएं घटती है लेकिन विडंबना यह है की शहर के हर वार्ड में ऐसी स्थिति कहीं न कही पर बनी हुई है।और उस क्षेत्र के जिम्मेदार वार्ड मेम्बर एवं जागरूक शहरी होने के नाते हमें स्वयं इसकी जानकारी बिजली विभाग को तत्काल देनी चाहिए जिससे बड़ी अनहोनी को समय रहते टाला भी जा सकता है इस तरह के दृश्य देखकर हम खुद ही नजर अंदाज कर देते है अथवा जिसका खमियाजा हमें ही भुगतना पड़ता है।

वहीं आज इस मामले को गंम्भीरतापूर्वक लेते हुए हमारी रायगढ़ की कलम संवाददाता टीम ने प्रेमप्रताप इलाके के उस क्षेत्र में जाकर मौका मुआयना किया जहां पर ऐसी स्थिति बनी हुई थी तथा कुछ व्यक्तियों से पूछताछ की तो पता चला की उन्होंने इसकी सूचना मोबाइल के माध्यम से सबसे पहले विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को इस बारे में अवगत कराया जिसके बाद तत्काल बिजली विभाग ने मामले को गंम्भीरतापूर्वक लेते हुए इस पर तुरंत संज्ञान भी लिया ये तस्वीर प्रेमप्रताप इलाके की है जहां पर यह स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है की हाई वोल्टेज करंट का प्रवाह कभी भी कोई बड़ी अनहोनी को जन्म दे सकता था।

शुरुआत में जब इसकी खबर बिजली विभाग को दी गई तो विभागीय कर्मचारी ने कहा की हमारे पास पेड़ की डाली को इस समय काटने के लिए कोई पर्याप्त साधन फिलहाल मौजूद नही है जिसके कारण हमें विलंब हो रही है एवं ऊँचाई में होने का हवाला दिया गया और कहां गया की हमने निगम से लिफ्ट झूले की मांग की थी किंतु उनके द्वारा हमें झूला अभी खराब होना बताया गया।
अब सोचने वाली बात ये की सरकार के द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर जनता के हित मे काम आने वाले साधन शहर में लाये जाते है जिनसे लोगों की समस्याओं का निराकरण उचित समय में की जा सके ताकि असमय कोई अप्रिय घटना शहर में न घट सके लाखों करोड़ों के साधन ऐसे ही खराब होकर सड़ रहे है साहब.. तो उन साधनों का आखिर औचित्य ही क्या रह जाता है।जिन उपकरणों से जनता को सुरक्षित रखने की जरूरत है उस समय है उसे नगर निगम खराब बताता है और बिजली विभाग उचाईयों का हवाला देकर अपनी बात कहता है लेकिन यदि इस बीच कोई बडी अनहोनी घटना शहर में घटित हो गई तो आखिर उन सबका जिम्मेदार कौन होगा?
फिलहाल,इस मामले को लेकर बिजली विभाग ने सतर्कता से काम लिया और बिना विलंब किये उस पर कार्यवाही भी की लेकिन क्या आगे भी इस तरह की यदि किसी जागरूक नागरिक के द्वारा सूचना सम्बंधित विभाग को दी जाती है और उनके द्वारा फिर से वही उपकरणों का हवाला दिया जाता है तो आप यह मान लीजिए की इन सब अहम कार्यों से सम्बंधित विभाग अपना पल्ला झाड़कर अपनी नैतिक जिम्मेदारियों से बचना चाहता है एक छोटी सी लापरवाही बड़ी घटनाक्रम को जन्म दे सकती है…साहब जिसका पूरा खामियाजा आम जनता को अपने प्रियजनों को खोकर भुगतना पड़ सकता है।