टैक्स भरने वालों के लिए खुशखबरी! अगर सरकार ने मान ली ये मांग तो इनकम टैक्स में 5 लाख रुपये तक की मिल सकती है छूट
Budget 2023: नए साल में अब केंद्र सरकार की ओर से नया बजट भी पेश किया जाएगा. वहीं अलग-अलग कारोबार अपने लिए बजट में बेहतर ऐलान की मांग कर रहे हैं. इस बीच उद्योग निकाय एसोचैम ने अपनी बजट-पूर्व सिफारिशों में सरकार से एक अहम मांग कर दी है. इस मांग से देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स पर असर पड़ सकता है. दरअसल, एसोचैम ने सरकार से इनकम टैक्स में छूट का दायरा बढ़ाने की मांग की है. अगर सरकार की ओर से ये मांग मान ली जाती है तो टैक्सपेयर्स को फायदा मिलने वाला है.
ये की मांग
ASSOCHAM ने सरकार से आयकर छूट की सीमा को कम से कम 5 लाख रुपये तक बढ़ाने का आग्रह किया है ताकि उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल आय बनी रहे और अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा मिले. वर्तमान में इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये सालाना तक कोई टैक्स नहीं लगता है. वहीं 2.5 लाख से 5 लाख रुपये की सालाना आय पर रिबेट हासिल हासिल होती है.
आयकर छूट की सीमा
एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों करों में उछाल से सरकार को आयकर छूट की सीमा बढ़ाने के लिए पर्याप्त जगह मिलनी चाहिए. सरकार को उन सक्रिय कदमों का जवाब देना चाहिए जो अन्य देश हरित हाइड्रोजन के उत्पादन का समर्थन करने के लिए कर रहे हैं क्योंकि भारत एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक बनने का प्रयास कर रहा है.
इनकम टैक्स
उन्होंने कहा कि अभी सालाना 2.50 लाख रुपये तक की कुल आय पर इनकम टैक्स से छूट मिलती है. हालांकि, एक साल में कुल आय 5 लाख रुपये तक होने पर 5 लाख रुपये तक की आय पर छूट मिल सकती है. यदि आय 5 लाख रुपये से अधिक है, तो पूरी राशि (2.50 लाख रुपये की छूट सीमा को छोड़कर) पर आयकर लगाया जाता है.
आत्मानिर्भरता
नौकरी में वृद्धि और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए स्थायी और हरित उद्योगों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आर्थिक सुरक्षा विनिर्माण सुरक्षा से बड़ी है. हरित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना, ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करना, हरित उद्योगों में निवेश करना और जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना, ये सभी आत्मानिर्भरता के लिए कदम हैं.
आर्थिक विकास
एसोचैम के महासचिव दीपक सूद ने कहा कि उपभोक्ताओं के हाथों में अधिक पैसा छोड़कर खपत को बढ़ावा देना, आर्थिक विकास में और सुधार के लिए बेहतर फैसला होगा. वहीं खपत के साथ-साथ टिकाऊ विकास का दूसरा रास्ता निवेश को और बढ़ावा देना होगा. इस दिशा में एसोचैम ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में नए निवेश के लिए 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स की दर सेवाओं सहित सभी क्षेत्रों में लागू की जा सकती है.