
रायगढ़।जिला प्रशासन रायगढ़ द्वारागणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रकार के आयोजन किये गए जिनमें से एक पिछले साल विभिन्न क्षेत्रों में किये गए उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु शासकीय अधिकारी/कर्मचारियों का सम्मान करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान करना था। इस सम्मान समारोह में एक ऐसे अधिकारी को बाढ़ नियंत्रण के कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सम्मानित किया गया जो उस वक्त रायपुर में ट्रेनिंग ले रहा था चर्चा का विषय बन गया।

बताया जा रहा है कि नायब तहसीलदार प्रकाश पटेल जोकि नायब तहसीलदार के पद पर पुसौर तहसील में अपनी सेवाएं दे रहे थे उनका माह जुलाई में रायगढ़ स्थानांतरण हुआ था और जब बाढ़ के हालात बने थे तब वे रायपुर में ट्रेनिंग में थे। प्रश्न यह उठता है कि वह व्यक्ति या अधिकारी जिस कार्य के लिए सम्मानित किया जा रहा है उसने वह कार्य किया ही नहीं है ऐसे में उसका चयन किस आधार पर किया गया? बात यहीं तक सीमित होती तो जिला प्रशासन की छीछालेदर होने से बच जाती लेकिन सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी निर्णायक मंडल के पक्षपात पूर्ण निर्णयों ने आम जनता के बीच सिवाय छवि खराब करने के और कुछ नहीं किया है।कुछ लोगों का मानना है कि अब भी वक्त रहते यदि जिला प्रशासन अपनी गलती सुधार लेवे तो आगामी दिनों में बात के बढ़ने से होने वाली व्यापक छीछालेदर से बचा जा सकता है।