
कोरबा।अनुविभागीय अधिकारी राजस्व,पोड़ी- उपरोड़ा ने शासकीय भूमि में की गई कथित हेराफेरी का गंभीर मामला उजागर कर संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। कोरबा जिले के लालपुर और घुचांपुर गांव में सरकारी भूमि को षड्यंत्रपूर्वक अपने नाम दर्ज कर बैंकों से ऋण लेने के उद्देश्य से बंधक रखने का मामला सामने आया है।
लालपुर में भूमि पर फर्जी बटांकन….
जांच में पाया गया कि ग्राम लालपुर, पटवारी हल्का नंबर 20 की शासकीय भूमि खसरा नंबर 89/1 से विभाजित खसरा 89/82, 89/83, 89/84 और 89/85 कुल रकबा 9.034 हेक्टेयर को शिवचरन महरा के नाम पर दर्ज कर दिया गया। जबकि यह भूमि 30 सितंबर 2024 को अक्षय बैंक दुर्ग में बंधक रखी गई थी। नामांतरण तो कैफियत में दर्ज था, लेकिन नामांतरण पंजी में नहीं मिला।
घुचांपुर में 4.595 हेक्टेयर भूमि पर धोखाधड़ी….
इसी तरह ग्राम घुचांपुर में खसरा नंबर 206/1 से 206/8, 208/1 से 208/11 और 208/12 को मिलाकर कुल 4.595 हेक्टेयर भूमि को अजय यादव के नाम पर दर्ज कर बंधक रखा गया। यह भूमि 30 सितंबर 2024 को प्रथम बैंक बेमेतरा शाखा में गिरवी रखी गई थी।
13.629 हेक्टेयर भूमि पर फर्जीवाड़ा….
दोनों गांवों के सात खसरा नंबरों में कुल 13.629 हेक्टेयर भूमि का बटांकन कर संबंधित व्यक्तियों ने बैंक से ऋण प्राप्त करने का प्रयास किया। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर जमीन अपने नाम दर्ज कराई गई थी।
कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस में मामला दर्ज…
कोरबा जिला कलेक्टर अजीत बसंत ने इस कदाचार को गंभीर अपराध मानते हुए अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
घटना प्रशासनिक लापरवाही और कुटरचना का बड़ा उदाहरण मानी जा रही है। शासकीय भूमि पर कब्जा कर बैंकों से ऋण लेने की साजिश ने राजस्व प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि आगे जांच में कितने लोग शामिल पाए जाते हैं और प्रशासन किस कड़ी कार्रवाई के साथ दोषियों को दंडित करता है।