छत्तीसगढ़सरगुजा

छ.ग में वेबसाइट से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना कर दे रहे, 2013 या उससे पहले का है तो जरूर करें चेक…हो रहा बड़ा खेल..

सरगुजा।छत्तीसगढ़ में फर्जी वेबसाइट के जरिये फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाये जा रहे हैं. फर्जीवाड़ा ऐसा की जिस रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर से असली जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनाये जाते है, उन्ही के हस्ताक्षर से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. वेबसाइट में इतना माइनर अंतर है कि इसे पकड़ पाना आसान नहीं है, डोमेन एड्रेस में सिर्फ एक जगह स्लैश के स्थान पर डॉट लगाया गया है.जिला ई गवर्नेंस अधिकारी को इस संबंध में शिकायत मिल रही थी. लेकिन प्रमाणित तौर पर मामला तब सामने आया जब एक व्यक्ति आधार अपडेट कराने जन्म प्रमाण पत्र लेकर पहुंचा. ईडीएम वैभव सिंह ने बताया कि जब बर्थ सर्टिफिकेड को स्कैन किया गया तो पता चला कि जन्म प्रमाणपत्र फर्जी है. इस संबंध में जब पतासाजी की गई तो पता चला कि जन्म प्रमाणपत्र पत्र जिला अस्पताल से बनाए गए जबकि जिला अस्पताल ने प्रमाण पत्र नहीं बनाये हैं.ईडीएम ने बताया कि वेबसाइट फर्जी है. इसमे मात्र इतना अंतर है कि स्लैश के स्थान पर डॉट लगाया गया है।

इस संबंध में अस्पताल को जिला कलेक्टर के माध्यम से पत्र लिखा गया है, जांच जारी है. सभी ऑनलाइन सेंटर्स में भी टीम जाकर जांच करेगी. दोषी पाए जाने पर करवाई की जायेगी.फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खुलासा जन्म व मृत्यु पंजीयन विभाग ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जब्त करते हुए इसकी शिकायत जिला रजिस्ट्रार से भी की है. इस मामले में जिला अस्पताल सह मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक से बात की तो बड़ा खुलासा हुआ. पता चला कि जिला अस्पताल में साल 2013 से जन्म प्रमाण पत्र बनाने की शुरुआत की गई जबकि इसके पहले जन्म प्रमाण पत्र निगम से बनता था. इसके अलावा ऑनलाइन प्रमाण पत्र बनाने की शुरुआत साल 2021 से हुई, लेकिन जो सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से बनाये गये है वो 2013 के पहले के है. ऐसे में पहली नजर में ही प्रमाण पत्र फर्जी साबित हो रहे हैं।

अधीक्षक ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जा रही है. इसकी एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी जन्म प्रमाणपत्र जन्म प्रमाण पत्र बनाने का यह फर्जीवाड़ा भले ही सरगुजा में पकड़ में आया हो लेकिन इसके तार पूरे प्रदेश में फैले हो सकते हैं. फर्जी वेबसाइट के जरिए हूबहू असल वेबसाइट की कॉपी कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं. जिसका दुरुपयोग भी किए जाने की आशंका है. ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन और शासन इस मामले को लेकर कितना गंभीर होता है और इस मामले में किस तरह की जांच और कार्रवाई हो पाती है।

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