बड़ी खबर : संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों को आखिर कब मिलेगा 27% वेतन-वृद्धि और नियमितीकरण का लाभ””

सरकार में अपनी मांग पूरा न होते देख, राज्य तथा जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी हुए लामबंद…

रायगढ़।राज्य स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एन.एच. एम. के समस्त संविदा कर्मचारी को आज दिनांक तक, पूर्व सरकार द्वारा विधानसभा में घोषित 27ः 27 प्रतिशत संविदा वेतन-वृद्धि अप्राप्त है। छत्तीसगढ़ की डबल-इंजन सरकार में अपनी मांग पूरा न होते देख, राज्य तथा जिले के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी लामबंद होते हुए, अपनी मांगो के समर्थन में, सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए, आज कलेक्ट्रेट परिसर में स्वास्थ्य मंत्री एवं अपने विधानसभा के विधायक तथा वित मंत्री के नाम से ज्ञापन देने पहुंचे।

3 दिसंबर से अस्तित्व में आई भाजपा सरकार तथा 13 दिसंबर को प्रदेश के मुखिया के शपथ ग्रहण पष्चात् भी, आज दिनांक तक इनकी मांगे पूर्ण नही हो सकी है। मोदीजी की गारंटी तथा विष्णु देव साय जी के सुशासन की याद दिलाते हुए, इन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों ने ज्वाइंट कलेक्टर ऋचा ठाकुर को अपनी मांगो के संबंध में पत्र सौपा, एवं मांग रखी कि कोरोना कॉल से अपने कई साथियों को खोने,पर भी बिना थके लगातार काम करने, लगातार आयुष्मान कार्ड बनाने घर-घर जाकर अपनी पूरी ऊर्जा झोकने, लगातार सिकल सेल स्क्रीनिंग करना, विकसित भारत संकल्प यात्रा का राज्य में शत-प्रतिषत क्रियान्वयन, समस्त मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य कार्य करना, अनीमिया मुक्त गतिविधी का संचालन, परिवार नियोजन कार्यक्रम संपादित करना, पूर्ण टीकाकरण कार्य करना, तम्बाखू मुक्त गतिविधी, टी.बी, कुष्ठ, मलेरिया, मानसिक स्वास्थ्य, अंधत्व निवारण, हॉट-बाजार आयोजन, समस्त डाटा कलेक्शन, संधारण एवं समय पर एन्ट्री तथा समय-सीमा पर रिपोर्टिंग कार्य, तथा अन्य समय-समय पर सौपे गये कार्य दायित्व का बखूबी निर्वहन तन-मन-धन से करने के पश्चात भी न्यूनतम संविदा वेतन पर कार्य करने को मजबूर है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने कहा-विधानसभा के अनुपूरक बजट में तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिए एकमुष्त वेतन वृध्दि की घोषणा की गई थी। इसके लिए लगभग 350 करोड बजट का आबंटन भी किया गया था, राज्य में 25738 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कार्यरत हैं। जिसमें लगभग 14 हजार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत हैं। अवर सचिव स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग के माध्यम से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारियों के लिए 27 में से 5 प्रतिशत वेतन वृध्दि की अनुमति दी गई है।
अनुमति में यह उल्लेखित किया गया है, कि क्योंकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों को 2019 से 5 प्रतिशत की दर से चक्रवृध्दि संविदा वेतन दिया जा रहा है ऐसे में 21.5 प्रतिशत वेतन वृध्दि प्राप्त कर रहें हैं जिस कारण 27 में से केवल 5 प्रतिशत वेतन वृध्दि की अनुमति दी गई है। जबकि प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत वेतन वृध्दि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत समस्त कर्मचारियों को उनके कार्य-आधारित मूल्यांकन के आधार पर दी जाती है,जिसमें कर्मचारियों के वार्षिक मूल्यांकन में न्यूनतम 55 प्रतिशत से कम आने पर, कर्मचारियों को 5 प्रतिशत से वंचित किया जाता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मानव संसाधन नीति 2018 कंडिका 31.3/31.4 के अनुसार मूल मासिक वेतन प्रति 03 वर्षों की अधिकतम समय सीमा में संषोधित किया जायेगा, जो 05 वर्ष बीत जाने के पष्चात्, आज पर्यंन्त तक नही किया गया है। 19 जुलाई को घोषित संविदा वेतन वॄद्धि एकमुष्त की गयी थी, उसमें किसी कार्य-आधारित मूल्यांकन का उल्लेख नही था।
ज्ञापन प्रेषित करने में शकुनतला एक्का, नीतिराज सिंह, संतोष बेहरा,वैभव डियोडिया,पवन प्रधान,श्वेता पटेल, डॉ. कृष्ण कमल,डॉ.दीप्ति गुप्ता, डॉ.अनीता चंद्रा, रीना गुप्ता, उमेष जोल्हे, युधिष्ठिर बारीक, योगिता यादव, पूजा सेठ उपस्थित रहे।
तथा राज्य/जिला संघ 27 प्रतिशत स्वास्थ्य विभाग राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एन.एच.एम.अविलम्ब वेतन-वृध्दि करनें, नियमितीकरण हेतु पहल करने, गैर वित्तीय मांगो को तत्काल पूरा करने तथा नियमितीकरण कमेटी गठन की मांग लोक- सभा आचार-संहिता लगने के पूर्व करने की आशा राज्य सरकार से की है।