
इस कार्यक्रम में मौजूद मजार अराकीन ए उर्स कमेटी रायगढ़ के मेम्बरान एवं शहर के सभी लोगों के द्वारा…सबसे पहले रश्में ग़ुस्ल पाक कर व परचम कुशाई के बाद आस्ताने हजरत बाबा सैय्यद नजरुल्लाह शाह र.अलैह में देश की तरक्की ख़ुशहाली एवं शहर की अमनों अमा के लिए खास दुआऐं पेश की गई….


रायगढ़।शुक्रवार 22 सितम्बर 2023 को हर वर्ष की तरह सिविल लाईन स्थित हजरत बाबा सैय्यद नजरुल्लाह शाह रहमतुल्लाह अलैह का 3 दिवसीय सालाना उर्स बडे अकीदत एवं एहतराम के साथ रायगढ़ शहर के लोगों के द्वारा मनाया जा रहा है प्रातः 8 बजे सबसे पहले ग़ुस्लपाक एवं 08: 30 परचम कुशाई कर उर्स मुबारक का आगाज किया जाता है व मजार ए अकदस पर संदल चादर और गुलपोशी कर सभी खासो आम के लिये दुआ-ए-खैर मांगी जाती है फातिहा के बाद तबर्रुक को दरगाह कमेटी के द्वारा वहां मौजूद लोगों में तकसीम भी किया जाता है।

उर्स के दूसरे दिन 23 सितम्बर को मजार कमेटी के द्वारा सुबह 9 बजे कुरआन ख्वानी एवं शाम 7 बजे बड़े पैमाने में लंगर आम का सिलसिला जारी रहता है लोगों में तकसीम किया जाता है।
सभी रश्म अदायगी के बाद तीसरे दिन 24 सितंबर को सुबह 7 बजे कुल शरीफ की फातिहा एवं दस्तारबंदी के साथ उर्स का समापन किया जाता है।
आपको यह बता दें की बाबा साहब का उर्स हर साल की तरह इस वर्ष भी बड़े ही धूमधाम और हर्सोउल्लास के साथ शहरवासियों के द्वारा मनाया जाता है जिसमे प्रदेश व देश भर के कई शहरों के हर धर्म के जायरीन शामिल होते है।एवं गंगा जमुना तहजीब की मिसाल पेश करते है।
बाहर से आये हुए उन सभी जयारिनो (भक्तों) व शहर के लोगों का मजार प्रबंध कमेटी के द्वारा खास ख्याल भी रखा जाता है खानपान से लेकर लगांर का भी कमेटी के जानिब से पूरा इंतजाम किया जाता है,आये हुए जयारिनो का यह मानना रहा है कि इस दरगाह में मांगी हुई मन्नत मुरादें और दुआएं एवं प्राथनाएं पूर्ण होती है इसलिए इस आस्ताने से इन सभी की काफी आस्थाएं जुड़ी हुई है,इस दरगाह में हर धर्म व जाति के लोग प्रतिदिन आया करते है लोगो का यह भी मानना है कि यह दरगाह सालों से कौमी एकता की एक अनूठी मिशाल पेश करता आ रहा है।