छत्तीसगढ़

अवैध निर्माण के नियमितिकरण कार्य में लापरवाही, सभी सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी….

कोरबा। अवैध निर्माण के नियमितिकरण कार्य में लापरवाही पर सभी सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कलेक्टर संजीव झा ने नगरीय निकायों में अवैध निर्माण कार्यों के नियमितिकरण कार्य में लक्ष्यानुरूप प्रगति नहीं लाने पर सभी सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया। कलेक्टर ने जिले में पीडब्ल्यूडी द्वारा कराये जा रहे सड़क निर्माण कार्यों में धूल से नागरिकों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सतत् रूप से पानी छिड़काव करने कहा। उन्होंने इस संबंध में ठेकेदारों को स्थायी निर्देश दिया गया है, जिसका कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के तहत होने वाले छात्रों के प्रवेश पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए। इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। आरटीई के तहत सभी रिक्त सीटों के संबंध में सोशल मीडिया, बोर्ड-फ्लैक्स के माध्यम से पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके संबंध में कलेक्टोरेट कार्यालय, जिला पंचायत कार्यालय, अनुविभागीय कार्यालय तथा तहसील मुख्यालयों में सूचना पटल आदि से जानकारी प्रदर्शित की जाए।

कलेक्टर झा ने जिले में बनाये जा रहे स्कूली छात्रों के जाति प्रमाण पत्र के कार्यों की समीक्षा की तथा इस कार्य में प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी तहसीलदार तथा अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वन अधिकार पत्र बनाने के कार्य गंभीरता से किए जाएं तथा ग्राम सभा के अनुशंसा अनुसार प्राप्त नए प्रकरणों को आगे प्रेषित करें। उन्होंने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को निर्देश दिए कि सचिवों के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर दिव्यांगो का सर्वें कराकर सूची तैयार कर ली जाए ताकि उन्हें ग्रामों में ही समाज कल्याण विभाग द्वारा मोटराइज्ड ट्रायसाइकिल आदि प्रदान किया जा सके। 

कलेक्टर झा ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए सभी तहसीलदारों तथा अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि नकल, नामांकन, बंटवारा आदि के प्रकरण शीघ्र निराकृत किए जाएं। उन्होंने सभी जनपद पंचायतसीईओ के निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत बनाये जाने वाले अमृत सरोवर का गुणवत्तापूर्ण निर्माण किया जाए तथा आउटलेट-इनलेट में पिचिंग की जाए।

गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागों में गोबर पेंट का ही उपयोग किया जाए। सभी गौठानों में गोबर की खरीदी नियमित की जाए तथा खाद रूपांतरण 40 प्रतिशत अनिवार्यतः होना चाहिए। ग्रामीण उद्यमियों को नए उद्योगों की शुरूआत के लिए शहरों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बनाये जा रहे रीपा में उत्साही ग्रामीण उद्यमियों को जोड़ने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। 

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