छत्तीसगढ़प्रदेश

एक बार फिर 5 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने किया काम बंद, दफ्तरों में लटका रहा ताला, मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की दी चेतावनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर 5 सूत्रीय मांगों के लिए प्रदेशभर के कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल किया. कर्मचारियों के काम बंद हड़ताल से सरकारी कामकाज ठप्प रहा. मंत्रालय, संचालनालय, न्यायालय सहित प्रदेश भर के शासकीय कार्यालयों में सन्नाटा पसरा रहा. प्रदेश भर के जिला, ब्लॉक और तहसील मुख्यालय में कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन और रैली निकालकर स्थानीय प्रशासन को 5 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा.

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा, महासंघ के संयोजक अनिल शुक्ला, मंत्रालयीन संघ के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि यदि सरकार ने समय रहते निर्णय नहीं लिया तो 1 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल होना तय है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों को केंद्र के समान सातवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता देना होगा.

गौरतलब है कि अभी कर्मचारियों को छटवे वेतनमान में गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता देने में सरकार आनाकानी कर रही है. सरकार ने पिंगुआ कमेटी का गठन किया लेकिन कर्मचारी संवर्गों का वेतन विसंगति निराकरण जैसे मुद्दों का समाधान आज पर्यन्त नहीं हुआ. जन घोषणा पत्र में अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कार्यभारित और अन्य कर्मचारियों के नियमितीकरण का उल्लेख है. जोकि नहीं हुआ. वहीं चार स्तरीय वेतनमान के मामले में भी सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं किया.

उन्होंने बताया कि सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू जरूर कर दिया. लेकिन पेंशन के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना नहीं होने से योजना का व्यापक लाभ नहीं मिलेगा. तकनीकी पेंच के कारण शिक्षक (LB) संवर्ग सहित अन्य कर्मचारियों को पेंशन लाभ नहीं मिलेगा. पेंशन के लिए अहर्तादायी सेवा को 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष करने के मांग पर सरकार ने निर्णय नहीं लिया. जिसके कारण कर्मचारियों का आक्रोश काम बंद हड़ताल में दिखा है.

Related Articles

Back to top button

You cannot copy content of this page