किसानों के साथ हो गया खेला.. गिरदावरी में पटवारियों ने की ऐसी
लापरवाही,अब किसान नहीं करा पा रहे पंजीयन, भाजपा नेताओं ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

बरमकेला। छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़- बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला तहसील क्षेत्र के पटवारियों व आरआई
की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्र के हजारों किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल, धान फसल व सब्जियों की गिरदावरी करने के बाद भी किसानों का पंजीयन नहीं हो रहा है। स्थानीय किसानों को समस्याओं को लेकर सोमवार को भाजपा नेताओं ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कर पंजीयन में हुई त्रुटि को सुधार शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने की मांग की है।
आपको बता दें कि बोवनी के बाद खेतों में किस फसल की बोवनी हुई है इसके लिए गिरदावरी कर पोर्टल में उसे फीड किया जाता है। यह कार्य पटवारियों द्वारा किया जाता है और इसमें की गई लापरवाही से अब किसान परेशान हो रहे हैं।खेत में फसल धान की बोई गई है और पोर्टल पर उड़द, मूंग दिख रही है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए किसान पंजीयन कराने केन्द्रों पर पहुंच रहे हैं, लेकिन हर दिन बीस में से दस किसानों को वापस लौटना पड़ रहा क्योंकि गिरदावरी के समय उनके खेत में धान की फसल फीड नहीं की गई है। किसी के खेत में सोयाबीन, तो किसी के यहां उड़द की फसल दिख रही
है।
पोर्टल पर गलत जानकारी होने के कारण उनके
पंजीयन नहीं हो पा रहे हैं। पोर्टल पर सुधार होने के बाद
ही पंजीयन हो पाएंगे।
किसानों का आरोप घर बैठे करते हैं पंजीयन :
किसानों का आरोप है कि पटवारी खेतों में जाए बिना ही
गिरदावरी कर देते हैं, जिससे खेत में बोवनी किस
अनाज की हुई है सही जानकारी नहीं आ पाती है। यह
स्थिति हर बार बनती है। अब पंजीयन सुधवाने के लिए
किसानों को कभी धान खरीदी केंद्र तो कभी पटवारी व
तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे ।