उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य और व्याख्याता ने मिलकर किया 1.4 करोड़ का गोलमाल…

कोरबा। सरकारी नौकरी में होते हुए तमाम तरह की जोखिम मोल लेने वाले सरकारी कर्मियों की जिले में कमी नहीं है। वे धन अर्जित करने के लिए हर तरह के हथकंडे और दांवपेंच अपनाने के लिए हर स्तर पर तैयार है। 1.4 करोड़ की हेराफेरी के चक्कर में हरदीबाजार स्थित हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य और एक व्याख्याता नप गए हैं। इनके अलावा 12 कर्मियों के विरूद्ध पुलिस ने 420 आईपीसी का मामला दर्ज किया है।
हरदीबाजार सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य व्यास नारायण दिवाकर और व्याख्याता सोमनाथ भारद्वाज को इस प्रकरण में सरकार के लोक शिक्षण संचालनालय के द्वारा निलंबित कर दिया गया है। पाली स्थित विकासखंड कार्यालय में दोनों को अगले आदेश तक के लिए संलग्र किया गया है। विकासखंड शिक्षा अधिकारी के द्वारा की गई शिकायत के बाद इस मामले में कार्रवाई की गई। काफी समय से इसकी चर्चाएं थी और मामला लगातार तूल पकड़ रहा है।
डीपीआई के संचालक सुनील जैन ने अपने निलंबन आदेश में कहा है कि व्यास नारायण दिवाकर ने संस्था के सहायक ग्रेड-3 ऋषि जायसवाल, प्रमोद पाटले शिक्षक एलबी के साथ मिलकर सेवानिवृत्त व मृत कर्मचारियों के नाम से फर्जी बिल तैयार किये और प्राचार्य की सील-मुहर बनाकर एक करोड़ 4 लाख 46 हजार 400 रुपए का आहरण कर लिया। प्राचार्य दिवाकर ने लगातार नियम विरूद्ध आहरण में मातहत का सहयोग किया। इसलिए पूरा मामला लापरवाही से जुड़ा हुआ है।
इस सिलसिले में पहले ही ऋषि जायसवाल, विक्की यादव और गोपाल सिंह नेटी को निलंबित किया जा चुका है। हायर सेकेंडरी स्कूल हरदीबाजार में आर्थिक मामलों से संबंधित धन राशि सरकारी कोष में जमा थी और वहां से ही इसका लेनदेन होता था। मामले में लंबी अवधि में एक करोड़ से ज्यादा राशि का आहरण बोगस तरीके से संस्था के लोगों ने कटघोरा स्थित उप कोषालय से किया।
इसलिए कटघोरा के उप कोषालय अधिकारी मनीष देवांगन के अलावा मूल संस्था के कर्मी संजू यादव, व्यास नारायण दिवाकर, अंडीकछार के शिक्षक एलबी सुरेंद्र पाटले, व्याख्याता सोमनाथ भारद्वाज, ऋषि जायसवाल, दिनेश कंवर, विक्की यादव, गोपाल सिंह नेटी, नितेश, रतन सिंह और कृष्ण कुमार जगत को आरोपी बनाया गया है।