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बड़ी खबर : शराब में अरबों का घाटा, झारखंड सरकार ने छ.ग. की कंपनी को निकाला, लगाया 44 करोड़ का जुर्माना भी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी के हलचल के बीच झारखंड से एक बड़ी खबर सामने आई हैं। झारखंड में शराब बेचने के लिए नियुक्त छत्तीसगढ़ सरकार की कंसल्टेंट कंपनी को झारखंड सरकार ने हटा दिया है। वही, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री जगरनाथ महतो ने विभाग के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे दी है।

इसके साथ ही मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को राज्य में लागू नयी उत्पाद नीति की समीक्षा के निर्देश भी दिया हैं। इसका उद्देश यह पता लगाना हैं कि कि नयी उत्पाद नीति के तहत निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप राजस्व की प्राप्ति क्यों नहीं हुई? विदित हो कि राज्य में प्रभावी उत्पाद नीति 31 मार्च तक लागू है। ऐसे में इस माह के अंत तक आगे की नीति पर भी निर्णय लिया जायेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार की राह पर थी झारखंड सरकार –

बताते चले कि झारखंड में शराब की बिक्री से राजस्व बढ़ाने के लिए वर्ष 2022-23 में नयी उत्पाद नीति लागू की गयी थी। इसके तहत ‘छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड’ को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था। कंपनी के लिए एक करोड़ रुपये की फीस भी निर्धारित की गयी थी। हालांकि कंसल्टेंट की सलाह के अनुरूप राज्य में शराब के राजस्व में बढ़ोतरी में नहीं हुई।

2310 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का था लक्ष्य –

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शराब की बिक्री से 2310 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया था। लेकिन, अब तक लगभग 1750 करोड़ रुपये का राजस्व ही प्राप्त हुआ है। यह निर्धारित लक्ष्य से लगभग 560 करोड़ कम है। वित्तीय वर्ष समाप्त होने में मात्र 21 से दिन शेष है। यानी शराब से राजस्व के औसत को देखते हुए 31 मार्च तक इसे प्राप्त करना संभव नहीं दिख रहा है। विभाग इसको लेकर चिंतित है।

झारखंड सरकार ने नयी उत्पाद नीति के तहत शराब बेचने के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल लागू किया गया था। इसके तहत राज्य सरकार ने शराब की बिक्री अपने हाथ में ले ली थी। खुदरा शराब बेचने के लिए प्लेसमेंट एजेंसी का चयन किया था, लेकिन प्लेसमेंट एजेंसी तय लक्ष्य के मुताबिक शराब नहीं बेच पायी, जिससे राजस्व का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में सरकार ने प्लेसमेंट एजेंसी पर अब तक 44 करोड़ रुपये का फाइन भी लगाया और चेतावनी भी दी।

राज्य सरकार लेगी बड़ा निर्णय –

राज्य में नयी उत्पाद नीति के तहत शराब के थोक कारोबार के लिए निजी कंपनी ओम साईं बिवरेज प्रालि और दिशित वेंचर्स प्रालि का चयन किया गया था। इस वर्ष जनवरी से सरकारी उपक्रम जेएसबीसीएल ने भी शराब का थोक कारोबार शुरू किया है। जेएसबीसीएल द्वारा दुकानों को शराब उपलब्ध करायी जा रही है। अब यह कहा जा रहा हैं कि 31 मार्च के बाद राज्य सरकार शराब का थोक कारोबार पूरी तरह अपने हाथ में ले लेगी।

जगरनाथ महतो, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री ने कहा –

झारखंड में उत्पाद नीति को लेकर नियुक्त कंसल्टेंट छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को हटा हैं। इसके अलावा नीति की समीक्षा करने को कहा गया है। विभागीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिये गये हैं

बता दे कि इस मसले पर उत्पाद व मद्य निषेध मंत्री ने इस संबंध में विभागीय सचिव को पत्र लिखा है। मंत्री ने मुख्य सचिव व सदस्य राजस्व पर्षद के स्तर से उत्पाद नीति की समीक्षा कराने को कहा है। उल्लेखनीय है कि राजस्व पर्षद के सदस्य द्वारा पूर्व में नीति के प्रावधानों पर सवाल उठाये गये थे।

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