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RAIGARH NEWS : के जी कॉलेज में स्किल डेवलपमेंट पर कार्यशाला सम्पन्न

दिल्ली विश्वविद्यालय के सहायक सहायक प्राध्यापक सौरभ सराफ मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित…

28 छत्तीसगढ़ बटालियन एन सी सी के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित…

रायगढ़।जिले के किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान (अग्रणी) महाविद्यालय में एक दिवासीय कार्यशाला का आयोजन स्किल डेवलपमेंट विषय पर किया गया। यह कार्यक्रम 28 छत्तीसगढ़ बटालियन एनसीसी रायगढ़ के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष रावत एवं महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. प्रीतिबाला बैस के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन एवं मनोविज्ञान विभाग की अध्यक्ष एन सी सी अधिकारी लेफ्टिनेंट डॉ. शारदा घोघरे के संयोजकत्व में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में सौरभ सराफ, मोतीलाल नेहरू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में पदस्थ सहायक प्राध्यापक हिन्दी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत रूप से विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के समक्ष श्री सौरभ सराफ,डॉ शारदा घोघरे, डॉ. के सी गुप्ता,श्री प्रशांत विश्वकर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। उसके पश्चात लेफ्टिनेंट डॉक्टर शारदा घोघरे द्वारा कार्यक्रम के विषयवस्तु पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि सफलता जादू से नहीं मिलती है सफल होने के लिए जरूरी कौशल की आवश्यकता होती है। यह सार्वभौमिक सत्य नई पीढ़ी पर भी उतना ही चरितार्थ होता है। युवा ऊर्जा किसी भी देश के सामाजिक एवं आर्थिक विकास को गति देने वाली ताकत बन सकती है, बशर्ते उसे प्रभावी रूप से दिशा दी जाए। कौशल विकास और रोजगार इस ताकत को आगे बढ़ाने के सबसे अच्छे साधन हैं। युवा जनसंख्या के मामले में भारत के पास दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है, फिर भी भारतीय नियोक्ता कुशल मानव बल की जबरदस्त किल्लत से जूझ रहे हैं, कारण रोजगार के लिए आवश्यक विशेषज्ञता की कमी। श्रम ब्यूरो की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में औपचारिक रूप से कुशल कार्यबल का वर्तमान आकार केवल 2 प्रतिशत है। इसके अलावा पारंपरिक शिक्षा प्राप्त करने वाले युवाओं के बड़े वर्ग की रोजगार संबंधी योग्यता की चुनौती भी है। भारतीय शिक्षा व्यवस्था शानदार मस्तिष्कों को जन्म देती रही है,लेकिन रोजगार विशेष के लिए जरूरी कौशल की उसमें कमी है।

कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से निकल रही प्रतिभा और रोजगार योग्य कौशल की संभावना एवं मानक के मामले में उसकी अनुकूलता के बीच बड़ा अंतर है। उसके पश्चात एन सी सी कैडेट रोहन ने स्वामी विवेकानंद की जीवनी पर प्रकाश डाला।तत्पश्चात कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री सौरभ सराफ को उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया गया। उन्होंने अपने उद्बोधन में सर्वप्रथम अपने दिल्ली विश्वविद्यालय में पदस्थ होने में मातृ संस्था किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय से विद्यार्थी एवं अतिथि व्याख्याता के रूप में किये गए कार्यों का स्मरण किया और अपनी सफलता में इस संस्था और यहां के शिक्षकों के योगदान को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। तदोपरांत उन्होंने आज के कार्यक्रम के विषयवस्तु कौशल विकास पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला और उसकी आवश्यकताओं पर बात करते हुए कहा कि 2015 में माननीय नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत कि तो इसका उद्देश्य यही था कि युवा पीढ़ी विभिन्न तरह के कौशल अर्जित कर रोजगार आसानी से प्राप्त कर सके। साथ ही उन्होंने भारतीय इतिहास के कई उदाहरणों के माध्यम से कौशल विकास की आवश्यकताओं को आज के परिप्रेक्ष्य में रेखांकित किया। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार से महर्षि चाणक्य द्वारा राजा चंद्रगुप्त मौर्य की क्षमताओं के अनुरूप उन्हें प्रशिक्षण देकर मगध का महान सम्राट बनाया था वैसे ही आज के युग जीवन के अनुरूप युवाओं की क्षमता की पहचान एवं उनके कौशल का विकास अत्यावश्यक है,उन्होंने वर्तमान में नई शिक्षा नीति के उस स्वरूप को भी रेखांकित किया जहां रोजगार उन्मुखी शिक्षा पर बल दिया जा रहा है। साथ शासन द्वारा संचालित कौशल विकास संबंधी सभी योजनाओं की जानकारी विस्तार पूर्वक सीसीसी कैडेट्स एवं छात्र-छात्राओं को दी।

अंत में प्रश्नोत्तर सत्र संचालित हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी शंकाओं का समाधान किया। इस सफल आयोजन के लिए प्राचार्य डॉ. प्रीतिबाला बैस ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस कार्यशाला में एन सी सी कैडेट्स, बी ए एवं बी एस सी के अनेक विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता रही।

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