
रायगढ़।रायगढ़ जिले में एसीबी (आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) की टीम ने आज, 16 सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ के भ्रष्टाचार विरोधी इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया। एनटीपीसी तिलाईपाली कार्यालय के उप महा प्रबंधक विजय दुबे को साढ़े चार लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह कार्यवाही न केवल जिले बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि छत्तीसगढ़ गठन के बाद एसीबी द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी ट्रैप कार्रवाई मानी जा रही है।
शिकायत से ट्रैप तक की पूरी कहानी…
घटना का सूत्रपात 13 सितंबर 2025 को हुआ जब ग्राम तिलाईपाली निवासी सौदागर गुप्ता ने एसीबी बिलासपुर में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि एनटीपीसी द्वारा अधिग्रहित मकान और जमीन के मुआवजे के भुगतान के एवज में उप महा प्रबंधक विजय दुबे ने रिश्वत की मांग की। मुआवजे की राशि में से 14 लाख रुपये खातों में मिल चुके थे, लेकिन बाकी करीब 16 लाख रुपये दिलाने के लिए आरोपी ने कुल 5 लाख रुपये रिश्वत की मांग की, जिसमें से 50 हजार पहले ही ले चुका था। शेष साढ़े चार लाख रुपये की मांग की जा रही थी।
सौदागर गुप्ता ने रिश्वत न देकर आरोपी को पकड़वाने का निर्णय लिया। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कर योजना बनाई। प्रार्थी को रिश्वत की रकम देकर आरोपी से संपर्क साधने भेजा गया। आरोपी ने गोमती पेट्रोल पंप, घरघोड़ा में मिलने बुलाया। योजना के तहत जैसे ही विजय दुबे ने अपनी गाड़ी में रिश्वत की रकम प्राप्त की, एसीबी की टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया और रकम बरामद कर ली।
धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई…
पकड़े गए आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एसीबी सूत्रों ने बताया कि आरोपी की अन्य संपत्तियों की भी जांच की जा रही है। अचानक हुई इस कार्यवाही से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश गया है।
ACB की लगातार कार्रवाई, रायगढ़ में आठवीं ट्रैप…
एसीबी की टीम द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। लगभग एक वर्ष में रायगढ़ जिले में यह आठवीं ट्रैप कार्रवाई है। एसीबी के सूत्रों ने स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई अनवरत जारी रहेगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।