
सरगुजा।यू तो मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है.मैनपाट अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता है.तिब्बती कल्चर इस जगह की खास पहचान हैं.यहां हर साल गर्मियों में सैलानियों का भारी जमावड़ा मैनपाट में लगता है. लेकिन मैनपाट के आसपास गांवों का हाल इतना खूबसूरत नहीं है.मैनपाट के कई गांवों में इन दिनों हाथियों का आतंक है.लंबे समय बाद इस क्षेत्र में हाथियों की आमद हुई है.हाथियों ने अधिकांश ग्रामीणों के घर और खेत पूरी तरह से तबाह कर दिए हैं।
हाथियों की चिंघाड़ से थर्राया गांव :
मैनपाट के ग्रामीण क्षेत्र कोरवा बस्ती नर्मदापुर में हाथियों ने उत्पात मचाया है.बुधवार रात हाथियों का दल नर्मदापुर गांव पहुंचा.जहां हाथियों ने चिंघाड़ना शुरु किया.हाथियों की चिंघाड़ने के कारण नर्मदापुर गांव वासी अपने घरों से निकले.आधी रात उन्हें कुछ समझ ना आया क्या करें। इसलिए जान की सलामती के लिए ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर बच्चों के साथ दूसरी जगह चले गए।
लेकिन जब गुरुवार सुबह ग्रामीण वापस लौटे तो उनके पैरों तले जमीन खिसक चुकी थी। हाथियों के झुंड ने एक ग्रामीण का खेत के पास बने झोपड़ी को तहस नहस कर दिया था. गेहूं की तैयार हो चुकी फसल को भी हाथी रौंदकर जा चुके थे। बताया जा रहा है कि बुधवार रात 8 बजे दो हाथी सबसे पहले ग्राम बरीमा,उरंगा में फसल को नुकसान पहुंचाया. इसके बाद नर्मदापुर गांव में घुसे.यहां जिस घर पर हाथियों ने धावा बोला,उसके आसपास आबादी कम है.इसलिए दूसरे लोगों को पता नहीं चला. वन विभाग ने हाथियों की आमद की सूचना पर गांवों में मुनादी करानी शुरु की है.हाथी दल पर निगरानी रखकर ग्रामीणों को जागरुक किया जा रहा है.नर्मदापुर गांव के ग्रामीण हाथियों को लेकर काफी परेशान हैं.जिन ग्रामीणों का नुकसान हुआ है वो प्रशासन से मदद की आंस में बैठे हैं।