छत्तीसगढ़

स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में ब्लैक बोर्ड तक नहीं, दरवाजे पर लिखकर चल रही क्लास

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा केअनुसार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले गए हैं लेकिन सरगुजा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से महज 5 किलोमीटर दूर केशवनगर में संचालित स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में बच्चे दरवाजे को ब्लैक बोर्ड बनाकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं. यही नहीं पूरा स्कूल गंदगी से पटा पड़ा है.

बच्चों को दरवाजे पर लिखकर पढ़ा रहे शिक्षक
दरअसल, ग्राम केशवनगर में स्वामी आत्मानंद स्कूल का संचालन साइंस कॉलेज के एक हॉस्टल में किया जा रहा है, जहां सैकड़ों की संख्या में पहली क्लास से लेकर 12वीं क्लास तक के बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं, लेकिन यह स्कूल शैक्षणिक सुविधाओं की कमी भारी कमी से जूझ रहा है. स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए ब्लैक बोर्ड तक नहीं है, स्कूल के शिक्षक बच्चों को दरवाजे पर लिखकर पढ़ाने पर मजबूर हैं. बच्चों को दरवाजे को ही ब्लैक बोर्ड समझकर पढ़ाया जाता है. वहीं स्कूल परिसर में साफ सफाई का अभाव है, चारों तरफ गंदगी फैली हुई है.

डीईओ बोले- दुरुस्त की जा रही हैं व्यवस्थाएं
इसकी जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. संजय गुहे को दी गई तो उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएं की जा रही हैं. स्वामी आत्मानंद स्कूल के लिए खुद का भवन  निर्माण किया जा रहा है. एक से दो महीने में स्कूल का स्वयं का भवन हो जाएगा, जिससे व्यवस्थाएं दुरुस्त हो जाएंगी. आत्मानंद स्कूल में अध्ययनरत कक्षा 8वीं की छात्रा छवि पाण्डेय ने कहा कि क्लास में ब्लैक बोर्ड तो है लेकिन फट गया है और पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है लेकिन टीचर कोशिश करते हैं कि जितना अच्छे से हो सके पढ़ाएं. 

फटे बोर्ड की वजह से नहीं हो पा रही पढ़ाई
वहीं छात्र निर्मल राय ने बताया कि प्रिंसिपल की तरफ से टेंपरेरी व्यवस्था कराई गई थी. हमने कहा कि चोक से लिकने की वजह से ब्लैक बोर्ड फट जा रहा है तो मैडम ने कहा है कि दोबारा उपलब्ध कराएंगे. लगभग एक से डेढ़ महीने से ब्लैक बोर्ड फटा हुआ है. उसी पर जैसे-तैसे पढ़ाया जाता है. फटे हुए बोर्ड पर पढ़ाई नहीं हो पा रही है क्योंकि टीचर्स को भी लिखने में दिक्कत आती है. 

दरवाजे पर लिखकर कराई जा रही पढ़ाई
स्कूल की प्राचार्य मालती सारथी ने बताया कि हर क्लास के लिए ब्लैक बोर्ड में लपेट श्यामपट की व्यवस्था की गई है. ये हॉस्टल की बिल्डिंग है इसलिए ब्लैक बोर्ड नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्लैक बोर्ड दिया गया है और उसे दरवाजे पर लगवा दिया गया है.  उन्होंने कहा कि कुछ दिन के लिए यह टेंपरेरी व्यवस्था है. कुछ दिन बाद हमारी बिल्डिंग बन जाएगी. तब हमारी कक्षाएं वहीं लगेंगी. 

वहीं, जिला शिक्षा अधिकारी डॉ संजय गुहे ने कहा कि काम चल रहा है. वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल का संचालन साइंस कॉलेज के हॉस्टल में हो रहा है, इसलिए बहुत अच्छी व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि वहां काम चल रहा है, कमरे छोटे हैं, लेकिन कक्षाएं लगाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि असल में वो एक हॉस्टल है इसलिए बोर्ड नहीं है. हमने वैकल्पिक व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि स्कूल की नई बिल्डिंग बन रही है, बस एक महीने की बात है सब ठीक हो जाएगा.

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