छत्तीसगढ़तमनार

Cg Raigarh : महिला ने लगाया तमनार पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप..

अन्नपूर्णा पटनायक ने कहा की मेरे पति को झूठे आरोप में फंसाया गया है…

तमनार।डोलेसरा अन्याय के विरुद्ध गुहार: अन्नपूर्णा पटनायक की निष्पक्ष जांच की मांग अन्नपूर्णा पटनायक, निवासी ग्राम डोलेसरा, थाना तमनार, जिला रायगढ़, अपने पति प्रकाश पटनायक को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अधीक्षक, रायगढ़ के समक्ष शिकायत लेकर पहुंचीं उनका आरोप है कि 13 जुलाई 2025 को घटित एक सड़क दुर्घटना में तमनार थाना पुलिस ने पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करते हुए उनके पति को झूठा आरोपी बनाकर जेल भेज दिया है।

प्रार्थिया के अनुसार, दिनांक 13 जुलाई की सुबह उनके पति प्रकाश पटनायक, ग्राम हुंकाराडिपा से टार्सपोर्टिंग का कार्य कर अपनी स्विफ्ट कार (क्रमांक CG13 AQ 7543) से डोलेसरा लौट रहे थे। कार में उनके साथ वरुण सिदार (जो उस समय कार चला रहे थे) तथा एक अन्य व्यक्ति भी मौजूद थे सुबह लगभग 6 बजे डोलेसरा गांव के समीप विपरीत दिशा से आ रही एक तेज़ रफ्तार अर्टिगा कार (क्रमांक CG13 AU 9788) ने उनकी स्विफ्ट कार को जबरदस्त टक्कर मार दी, जिससे स्विफ्ट कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। दुर्घटना में तीनों सवार गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक अब भी रायगढ़ के आर.एल. अस्पताल के आई.सी.यू. में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहा है।

प्रार्थिया का कहना है कि दुर्घटना स्पष्ट रूप से अर्टिगा कार चालक की लापरवाही से हुई, बावजूद इसके तमनार पुलिस ने अर्टिगा चालक पर कोई कार्रवाई नहीं की और एकतरफा जांच करते हुए उनके पति प्रकाश पटनायक को कार चालक बताकर आरोपी बना दिया। 15 जुलाई को उन्हें बिना समुचित जांच के घरघोड़ा न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया, जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।

प्रार्थिया का आरोप है कि तमनार पुलिस ने रोड़ दुर्घटना के तथ्य को नजरअंदाज कर जबरन मारपीट जैसी गंभीर धाराएं लगाईं, जिससे उनके पति को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जा सके। इस पूरे प्रकरण में निष्पक्ष जांच की सख्त आवश्यकता है ताकि वास्तविक दोषियों को दंड मिले और निर्दोष को न्याय।

अन्नपूर्णा पटनायक ने पुलिस अधीक्षक रायगढ़ से मांग की है कि इस मामले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच कराई जाए, दुर्घटना के लिए उत्तरदायी अर्टिगा चालक एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए, तथा उनके पति को झूठे आरोपों से मुक्त कर उन्हें शीघ्र न्याय दिलाया जाए।

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