छत्तीसगढ़

25 सालों के बाद जेमनी सर्कस बिलासपुर में कल से…

सर्कस नाम सुनते ही आंखों के सामने जोकर शेर हाथी बड़े-बड़े और खतरनाक जानवर भालू खरगोश और रोमांचक भरे झूले कलाकार की तस्वीरें सामने आ जाती हैं फिल्मों के मशहूर स्टार शाहरुख खान नए भी अपने कैरियर की शुरुआत सर्कस नाटक से किया था जब लोग सर्कस देखने के लिए टूट पड़ते थे एक से एक अजूबे सर्कस देखने को मिलते थे राज कपूर कि मशहूर फिल्म जोकर में भी पूरी फिल्म में सर्कस ही दिखाई गई है।

कहता है जोकर सारा जमाना आधी हकीकत आधा फसाना…

ए भाई जरा देख के चलो आगे भी…

ऐसे मशहूर गाने थे उस फिल्म में और राज कपूर का बेहतरीन अभिनय और सर्कस के अलग-अलग केदार साउथ में भी सर्कस के ऊपर कई फिल्में बनी जिनमें एक फिल्म में कमल हासन ने डबल रोल किया था एक बोने का एक बड़े का पर आजकल सर्कस के ऊपर कोई फिल्म नहीं बन रही है ना कोई नाटक मोबाइल ने सबको अपनी और बांध के रखा है सर्कस अब अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है आज मोहम्मद अली ने
पत्रकार वार्ता में बताया कि बिलासपुर शहर में 26 फरवरी से साइंस कॉलेज में सर्कस लगाई जा रही जिसका 27 फरवरी से रोजाना 3 शो 1:00 बजे शाम 4:00 बजे रात्रि 7:30 बजे उन्होंने बताया कि पहले देश में करीबन 100 सर्कस थी हजारों कलाकार थे हजारों जानवर थे पर करोना के बाद अब मुश्किल से 5 सर्कस पूरे देश भर में बची है और जानवर पर प्रतिबंध के कारण अब सर्कस में बड़े जानवर नहीं ले जाते हैं उनकी जगह देश के अलग-अलग प्रदेशों व विदेशों से कलाकार आ रहे हैं जो लोगों का मनोरंजन करेंगे अपनी कला के माध्यम से
आपको जोकर जरुर मिलेगा वह कई ऐसे हैरतअंगेज सस्पेंस चीजें देखने को मिलेगी आपको भरपूर मनोरंजन मिलेगा बच्चों के लिए भी बड़ों के लिए भी महिलाओं के लिए भी बुजुर्ग लोगों के लिए भी सभी के लिए कुछ ना कुछ जरूर है 25 साल के बाद बिलासपुर आ रहे हैं सर्कस लगाने के लिए अब सर्कस कमाई का सौदा नहीं रही बस जो कलाकार हमसे जुड़े हुए हैं उनकी रोजी-रोटी के लिए ही सर्कस चलाया जा रहा है और रेट भी नॉर्मल रखा गया है ताकि अधिक से अधिक लोग सर्कस आकर देख सके वह अपनी पुरानी यादें ताजा कर सके वह जो आज की युवा पीढ़ी है उनको भी अपनी और जोड़ सके आकर्षित कर सके इसलिए नॉर्मल रेट रखे हैं ₹100 ₹200 और ₹300 है।

26 फरवरी को रात्रि 7:30 बजे पहला शो होगा वह उद्घाटन होगा बिलासपुर वासियों आप भी तैयार हो जाईए कल से सर्कस देखने के लिए जरूर आइए

भवदीय
विजय दुसेजा

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