Raigarh Cg Big News : निर्वाचन विभाग की बड़ी लापरवाही परीवर्धन सूची 2003 में सीरियल नम्बर एवं नाम होने के बावजूद कई वोटर SIR प्रकिया से हुए बेवजह बाहर…

रायगढ़। शहर में चल रहे SIR प्रकिया में कई लोगों के 2003 के परीवर्धन,संसोधन सूची में नाम होने के बावजूद इन्हें यह कहकर बहार कर दिया गया है कि इनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में शामिल नही है,जबकि ये रायगढ़ निर्वाचन विभाग की घोर लापरवाही और अनियमितता को दर्शाता है ऐसा ही नही इनके द्वारा जारी लिस्ट में,पूरे के पूरे एक ही परिवार के 5 मतदाता सदस्यों के नाम परीवर्धन सूची में आ जाता है साथ ही जनता जनार्दन की सहायता हेतु शहर के सभी वार्डों में नियुक्त बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) भी कुछ जगहों पर मनमाना रवैया अपनाए हुए है,इसी तरह का एक मामला वार्ड नम्बर 17 का है इस वार्ड में सेवा दे रही बीएलओ की कार्य शैली पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह उठता है,वार्ड के मतदाता के द्वारा 2003 की वह सूची जिसमे उस मतदाता के नाम अंकित है उसे संलग्न कर देने के बाद भी तथा एसआईआर की संपूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण एवं 2003 की क्रमबंध सूची में नाम शामिल होने के बावजूद उसे यह कहा जाता है की आपका नाम 2003 की सूची में शामिल नही है,आप जाकर कलेक्ट्रेट में निर्वाचन कार्यालय रायगढ़ में इसके बारे में पता करें और जब मायूस मतदाता के द्वारा इसकी जानकारी निर्वाचन विभाग रायगढ़ के आला अधिकारियों से बताता और कहता है कि जो आपके द्वारा परीवर्धन सूची में डाले गए नाम है आप उसे ऑनलाइन लिस्ट में दर्ज करवाईये तो साहब ,, उसे गोल मोल बातें कहकर टाल दिया जाता है,ये हम नही कर सकते यह कार्य सब उपर विभाग से होता है।
आपको बता दें जिस विभाग से जारी मतदाता नामावली दर्ज होकर सूची भेजी जाती है वाह यह बात कह रहा है निर्वाचन विभाग अपनी लापरवाही को छुपाने के प्रयास में मतदाताओं के हक अधिकार को हनन कर रहा है और तो ओर उसी विभाग के कलेक्टोरेट में अधीक्षक व भूतपूर्व वरिष्ठ अधिकारी के पूरे घर वालो के नाम तक को 2003 मतदाता जारी लिस्ट से हटा कर 2003 की परीवर्धन संशोधित सूची में डाल दिया जाता है,ऐसा क्यों हो रहा है यह समझ के परे है लेकिन जो हो रहा है वह SIR प्रकिया की निष्पक्ष रूप से न होने को दर्शाता है,यदि ऐसे महत्वपूर्ण कार्य में इस तरह की बड़ी लापरवाही हो रही है तो तत्काल इस पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए,और जिन लोगों के द्वारा इसमें घोर कोताही बरती जा रही है उन पर भी तब जाकर निष्पक्षता से यहां SIR प्रकिया पूर्ण होगी …
जिले के कलेक्टर साहब…तथा राज्य निर्वाचन आयोग के संज्ञान में यह बात जरूर आनी चाहिए की लोक सेवा अहम है जिन लोगों ने वर्षो से अपने मताधिकार का प्रयोग किया है एवं करते आ रहे है 2003 के श्रेणी में आने के बाद भी उन्हें अलग- थलग कर दिया गया ऐसा न हो इस प्रकिया से भविष्य में कोई व्यक्ति अपना मताधिकार खोकर वंचित रह जाये, आदरणीय जिलाधिकारी जी… यह नियम विरुद्ध है ऐसे कार्य इन विभागों की कार्य करने पर सवालियां निशान पैदा कर रही है जिसकी जांच अवश्य होंनी चाहिए ताकि आम जनता का विश्वास जिला प्रशासन पर हमेशा बना रहे।


2003 में जारी की गई परीवर्धन/संसोधन सूची…क्रम,,1034 से लेकर 1055 तक अंतिम…




