छत्तीसगढ़

प्रशांत कुमार मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के जज बने, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा वर्तमान में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं,वे छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे उसके पूर्व वे बिलासपुर हाईकोर्ट में महाधिवक्ता रहे प्रशांत मिश्रा स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन के पद पर भी रहे

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध अधिवक्ता रहे प्रशांत कुमार मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया है इसे लेकर पूरे प्रदेश में काफी खुशी की लहर है। लगातार वे एक के बाद एक कानून के क्षेत्र में मुकाम हासिल कर रहे हैं। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा वर्तमान में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट मे कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रहे , उसके पूर्व वे बिलासपुर हाईकोर्ट में महाधिवक्ता रहे प्रशांत मिश्रा स्टेट बार कौंसिल के चेयरमैन के पद पर भी रहे।

रायगढ़ में शुरू की वकालत, फिर महाधिवक्ता से चीफ जस्टिस का तय किया सफर
29 अगस्त 1964 में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में जन्मे जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने बीएससी और एलएलबी की उपाधि गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर से प्राप्त की। वे 1987 में अधिवक्ता बने। उन्होंने जिला न्यायालय रायगढ़, जबलपुर स्थित उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश और बिलासपुर स्थित उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में वकालत की। उन्हें जनवरी 2005 को उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता मनोनीत किया गया। वे 2 वर्षों तक छत्तीसगढ़ राज्य विधि परिषद के अध्यक्ष रहे। जस्टिस मिश्रा उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के नियमकारी समिति के सदस्य रहे। वे गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, बिलासपुर के कार्यकारी परिषद के कुलाधिपति भी नामित किए गए। जस्टिस मिश्रा हिदायतुल्ला राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रायपुर के कार्यकारी परिषद में पदेन सदस्य के तौर पर सम्बद्ध रहे। उन्होंने 2004 से 2007 तक छत्तीसगढ़ राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता के तौर पर कार्य किया। 1 सितम्बर 2007 को राज्य के महाधिवक्ता नियुक्त हुए। 2009 में वे बिलासपुर उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदस्थ हुए। एक जून को उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी दी गई।

2009 में जस्टिस मिश्रा बतौर जज हुए थे नियुक्त

जस्टिस प्रशांत मिश्रा का जन्म छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में हुआ है। उन्होंने बीएससी करने के बाद गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी से एलएलबी की डिग्री ली है। रायगढ़ जिला अदालत में प्रैक्टिस करने के साथ ही उन्होंने जबलपुर और बिलासपुर हाईकोर्ट में लंबे समय तक वकालत की है। 2005 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सीनियर वकील के तौर पर उनके नाम पर मुहर लगाई थी। वह 2 साल के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट बार काउंसिल के चेयरमैन भी रह चुके हैं। 2007 में महाधिवक्ता नियुक्त होने के बाद 10 दिसंबर 2009 में उन्हें हाईकोर्ट का जज बना दिया गया।

देखें आदेश की कॉपी :-

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