एमबीबीएस की डिग्री पूर्ण करने के बाद भी चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के 2016-17 बैच के छात्रों को मान्यता नहीं मिली

रायपुर। MBBS की डिग्री पूरी करने के बावजूद चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के 2016-17 बैच के छात्रों को मान्यता नहीं मिली है जिसकी वजह से उनका भविष्य संकट में आ गया है। बार-बार निवेदन करने के बाद भी नेशनल मेडिकल कमीशन ने मान्यता नहीं दी जिसके बाद दो छात्रों शुभम गुप्ता और वंशिका वर्मा ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और हर्षमंदर रस्तोगी के जरिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले में ग्रीष्म कालीन अवकाश के तुरंत बाद 14 जून को सुनवाई होगी।
याचिकाकर्ताओं ने साल 2016 में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। इसके बाद सभी वर्षों की परीक्षा में उत्तीर्ण भी हुए। इसी बीच वर्ष 2021 में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज का छत्तीसगढ सरकार ने अधिग्रहीत कर लिया गया। वर्ष 2022 में छात्रों द्वारा MBBS का कोर्स व इंटर्नशिप दोनों पूरी करने के बाद उन्हें डिग्री व छत्तीसगढ़ मेडिकल कमीशन द्वारा रजिस्ट्रेशन सर्टिफकेट भी दिया गया।
छात्र मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएशन का कोर्स भी करना चाहते थे, इसलिए NEET PG 2023 की परीक्षा में भी शामिल हुए और पास भी हुए लेकिन चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के वर्ष 2016-17 के बैच को अब तक नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा मान्यता नहीं दी गई इस कारण आगे की ऑल इंडिया पीजी काउंसलिंग में भाग लेने से वंचित रह जाएंगे।
इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने नेशनल मेडिकल कमीशन, सचिव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, सचिव छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य मंत्रालय, डायरेक्टर छत्तीसगढ़ मेडिकल एजुकेशन, आयुष यूनिवर्सिटी छत्तीसगढ़, चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज व नेशनल टेस्टिंग एजेंसी से जवाब-तलब किया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश के तुरंत बाद 14 जून को इस मामले की सुनवाई की जाएगी।