
जशपुर।छत्तीसगढ़ आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश सचिव और ईसाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा ने कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लडने का ऐलान कर दिया है।
और इस ऐलान को सार्थक करने बकायदा नामांकन फार्म भी सोवामार को क्रय किया है। अनिल किस्पोट्टा के निर्दलीय चुनाव लडने से कांग्रेस को खासा नुकसान होने का आसार है तो वहीं समाज का साथ और सहयोग से चुनाव में जीत का उम्मीद भी अनिल को है।
ज्ञात हो कि जशपुर जिले में कांग्रेस के कर्मठ सक्रिय और ईमानदार कार्यकर्ता के रूप में जाने वाले जनधारी नेता छत्तीसगढ़ आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश सचिव और ईसाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा ने जशपुर विधानसभा क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने पर बगावती सुर अलाप लिया है।अनिल किस्पोट्टा ने सोमवार को अपने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेड परिसर पहुंच निर्वाचन अधिकारियों से संपर्क किया और नाम निर्देशन हेतु नामांकन फॉर्म निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में क्रय किया है।बताया जा रहा ईसाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष को चुनावी मैदान में उतरने का फैसला मिशनरी ईसाई समाज के पदाधिकारियों ने सर्व सहमति से लिया है। अनिल किस्पोट्टा का सामाजिक कार्यों में सक्रियता बीते कई वर्षों से बने रहने के कारण समाज के लोगों में खासा पकड़ है,सामाजिक कार्यों में ब्लॉक से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक का सफर तय करने में इन्हें 25 वर्षों से भी ज्यादा का समय लग चुका है।
जिस कारण आज ईसाई महासभा ने इन्हे प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी सौंपा है,लगभग इतना ही समय इन्हें कांग्रेस में भी पार्टी को मजबूती प्रदान करने लगा है।अनिल किस्पोट्टा की गिनती जशपुर जिले में कांग्रेस का आधार खड़ा करने के समय से गिनी जाती है।जिस समय लोग कांग्रेस का झंडा उठाने से भी डरते थे उस समय अनिल किस्पोट्टा ने निडरता से न सिर्फ कांग्रेस को यहां स्थापित करने अपना दमखम दिखाया बल्कि पूरे साहस और कर्मठता वरिष्ठ नेता रामपुकार सिंह,स्व.रामदेव भगत, स्व.विक्रम भगत,शशि भगत सरहुल भगत के मार्गदर्शन में कांग्रेस का विस्तार किया है।बताया जा रहा इस बार ईसाई महासभा के द्वारा कांग्रेस पार्टी से जशपुर जिले में ईसाई समाज के प्रत्यासी का मांग किया था जिस पर प्रदेश पदाधिकारियों ने आश्वासन भी दिया था पर जब टिकट घोषणा हुआ तो ईसाई महासभा से किसी भी पदाधिकारियों का नाम सामने नहीं आने पर ईसाई महासभा के लोग नाराज हुवे हैं और सर्व सहमति से प्रदेश अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा को निर्दलीय मैदान में उतारने का फैसला कर सामाजिक रूप से चुनाव लडने का बात कहा है।
समाज के फैसले पर खरा उतरते हुवे अनिल किस्पोट्टा ने नामांकन फार्म क्रय किया और अब चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। अनिल किस्पोट्टा के निर्दलीय चुनाव लडने से कांग्रेस का वोट बैंक प्रभावित होगा,जशपुर विधानसभा क्षेत्र में ईसाई समाज के मतदाताओं की संख्या अनुमानित 36 हजार के आसपास है जो मूलतः कांग्रेस का वोट बैंक कहलाता है,अनिल के निर्दलीय चुनाव लडने से यही वोट बैंक कांग्रेस का प्रभावित होगा।
” सूत्रों का दावा है कि अनिल किस्पोट्टा के निर्दलीय नामांकन फार्म ले लेने के बाद कांग्रेस की तरफ से काफी मान मनौव्वल किया जा रहा है,प्रदेश से लेकर स्थानीय स्तर तक के नेताओं ने संपर्क कर नामांकन ना भरने का बात कहते हुवे पार्टी में उचित स्थान दिलाने का आश्वासन दिया है।लेकिन अनिल किस्पोट्टा अभी अपनी ही जिद पर अड़े हुवे हैं।
पत्रकारों से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश सचिव और ईसाई महासभा के प्रदेश अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लिए उन्होंने अपना जीवन न्यौछावर कर दिया बदले में पार्टी की तरफ से उन्हें अभी तक कोई उचित स्थान नहीं मिला है,ईसाई महासभा के तरफ से कांग्रेस केआलाकमान से एक सीट का मांग किया था जिसे दरकिनार कर दिया गया इससे आहत हो समाज ने निर्दलीय प्रत्यासी मैदान में उतारने का फैसला किया है और वह खुद निर्दलीय प्रत्यासी के रूप में जशपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। नामांकन फार्म लेने के बाद कांग्रेस के तरफ से काफी दबाव भी आ रहा लेकिन वह किसी दबाव में आने वाले नहीं है,उन्हें जनता और समाज पर पूरा भरोसा है अपने फैसले पर कायम रहते हुवे सिर्फ जीत के लिए अब वह चुनावी रण में उतर चुके हैं।