शहर में बढ़ रहे संक्रमण से अनिभिज्ञ बना निगम एवं स्वास्थ्य विभाग..

रायगढ़।बरसात के कारण तेजी से बढ़ने लगा है शहर में गंभीर बीमारियों से होने वाले कई प्रकार के संक्रमण का खतरा शहर के हर गली चौक चौराहे की नालियां बजबजाती हुई पड़ी हुई है सड़ रहे कचरों के ढेर व गंदगियों मे पनप रहे मक्खियां और मच्छर जिसके कारण फैल सकती है भविष्य में भयावह बीमारियां ,देखा जाए तो नगर निगम का साफ सफाई अमला शहर के सभी प्रभावित क्षेत्रों में सफाई कार्य जुटा पाने में पूरी तरह से आज असमर्थ दिखाई दे रहा है. हर वर्ष की भांति इस साल भी जगह-जगह शहर में पानी भरा हुआ है तो कहीं निकासी नालियों में जाम की स्थिति निरंतर बनी हुई है।



वहीं एक ओर सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर की नामी तलाबों के जीर्णोद्धार में हुए करोड़ों रुपये बर्बाद :
सौंदर्यीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर लोगों के लिए बनी शहर की जय सिंह, गणेश एवं अन्य तालाबों में से अब आने लगी है सडांध जैसी बदबुएं जिस मार्ग से राहगीरों का चलना अब हुआ कठिन इसके बाद भी यदि एक समस्या होतो गिनाया जा सकता है लेकिन ऐसी अनेको मुद्दे है जो बीमारियों को शहर में खुला निमंत्रण दे रहें है।


शहर में बढ़ रहा मच्छरों एवं मक्खियों का प्रकोप बेसुध है निगम अमला..त्रस्त है जनता :
भविष्य में आने वाली भयंकर बीमारियां लोगों के दरवाजों पर खड़े होकर दस्तक दे रही है ऐसे में स्वच्छता का ढोल पिट रहे संबंधित विभाग गहरी एवं कुंभकर्णी निंद्रा में पूरी तरह से विलीन है दूसरी ओर स्वास्थ्य अमला लकीर का फकीर बना हुआ है. लेकिन इन सबके बीच अब तक जिनकी नैतिक जिम्मेदारी व कर्तव्य है वह विभाग क्यों अनिभिज्ञ बना हुआ है।
देखा जाए तो फैलने वाले संक्रमण को रोकने के लिये नगर निगम एवं स्वस्थ विभाग के पास कोई भी पुख्ता इंतेजाम नही है :
मच्छर के अंडों को आंखों से देखना बेहद मुश्किल होता हैं. इसलिए लार्वा, प्यूपा और एडल्ट मच्छरों को मारने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल बहुत जरूरी है सबसे ज्यादा जरूरी है इन मच्छरों को पनपने से रोकना, जिसके लिए कूलर या टंकी के पानी में टेमिफोस् ग्रेन्युलस का इस्तेमाल किया जाना अत्यंत जरूरी है ,लेकिन विडंबना ये है की.नगर निगम एवं स्वस्थ विभाग के द्वारा कोई भी पहल अब तक नहीं की गई है. शहर के वार्डों में बरसात के मद्देनजर लोगों में जागरूकता लाने हेतु , स्वास्थ्य शिविर आयोजन , सर्वे जैसे कई जरूरी तथा पुख्ता इंतेजाम सम्बंधित विभाग के द्वारा किये जाने चाहिए थे लेकिन लचीले व्यवस्था के कारण यहां हो पाना संभव नही दिख रहा शहर की समस्त बडी-बडी जाम नाले एवं नालियों की सफाई व्यवस्था दुरुस्त कराकर अथवा उनमें टेमीफास का छिड़काव कर प्रभावित इलाकों में सफाई व्यवस्था की शुरुआत की जानी चाहिए थी साथ ही बारिस में जल जमाव के कारण पनपने वाले एडिस मच्छर से बचने के लिए निगम के द्वारा ऑयल का छिड़काव निरंतर किया जाना चाहिए था लेकिन जब तक किसी पत्रकार के द्वारा यह समाचार की सुबह की सुर्खियों न बने तो इन विभागों के कानों पर जूं नही रेंगती समस्याओं को बढ़ने से पहले रोकने की जिनकी नैतिक जिम्मेदारीयां है वो इस मामले में क्या कहते है…आइए जाने

वर्जन :-
नगर निगम के द्वारा शहर के वार्डों में अभी आंशिक रूप से दवा का छिड़काव किया जा रहा लेकिन जिस तरह यहा होना चाहिए था वैसा नही हो पाया है बारिश के कारण जिस जगह पानी का ठहराव है उन जगहों पर टेमीफास का छिड़काव किया गया है अभी पूरे 48 वार्डो में एक योजना के तहत कार्य किया जाना है जिसमे एक ही दिन एक ही समय पर कई अन्य दवाओं का छिड़काव किया जायेगा हम लोग शहर के कई सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर यह कार्य करेंगे ।
बंद नाले एवं नालियों के विषय पर :-
शहर में बंद नालियों के साफ सफाई हेतु सवाल पर – जो खुली नाले नालियां है उनकी ही सफाई करवाई जा रही है जो बंद है उन्हें सफाई कराने में दिक्कतें होती है।
कोई भी बीमारी या संक्रमण निमंत्रण देकर नही आती साहब :
फिलहाल जनता से जुड़े इस अहम मामले को गंभीरता से लेते हुए यह बात उक्त विभागों तक पहुचाने का प्रयास रायगढ़ की कलम का प्रथम दायित्व एवं कर्तव्य हमेशा से रहा है।
अब तक आपने इन जिम्मेदार विभागों से जुड़े महानुभावों की वक्तव्य को गौर से सुना है और समझा है ,इससे पहले आपको यह बता दूं कोई भी बड़ी बीमारी अथवा संक्रमण निमंत्रण देकर नही आती लेकिन समय रहते हम यदि सचेत एवं जागरूक नागरिक नही बने तो डेंगू जैसी बीमारी एक भयानक बीमारी का रूप धारणकर कभी भी जन्म ले सकती है जो किसी त्रासदी एवं महामारी से कम नहीं है जिसका खमियाजा हम को ही भुगतना पड़ेगा ,अब आप सबसे पहले निश्चित तौर पर यह संकल्प ले की खुद साफ सफाई का ख्याल रखेंगे और एक दूसरे से भी इसे करने को कहेंगे अपने दुकान तथा घरों के आस – पास पानी एवं कचरों का जमाव नही होने देंगें निगम द्वारा वार्डो में लगाई गई कचरे के लिए डस्ट बिन का ही उपयोग करेंगे यदि यह व्यवस्था आपके वार्ड में नही है तो इसकी सूचना उस वार्ड के मेंबर को देंगे और इससे उसे अवगत कराएंगें और डस्टबिन लगाने को कहेंगे यदि मामले को गंम्भीरतापूर्वक लेते वार्ड मेंबर द्वारा डस्टबिन वार्डों में लगवा दिए जाते है तो ठीक है नही तो उस कचरे को किसी प्लास्टिक के बैग में डाल कर रख दे एवं दूसरे दिन प्रातःकाल कचरे की गाड़ी आने पर उसे उसमें डाल दें। स्वच्छ शहर विभागों के कार्यो से नही जनता के जागरूक बन निश्चय लेने से बनता है हम अपने आने वाले भविष्य को आज ऐसे खतरे में क्यों डालें जो हमारे केवल नजरअंदाज करने की वजह से जिंदगी भर के लिए उन आने वाली नई पीढ़ियों के लिए अभिशाप बनकर खतरनाक सिद्ध हो और इन्हें मानसिक एवं शारीरिक कष्ट व पीड़ावों से गुजरना पड़े और इसका दंश हमेशा के लिए हम सबको झेलना पड़े।