चीन की आर्थिक स्थिति हुई खराब जानें दुनिया पर क्या होगा इसका असर

दुनिया का सबसे ज्यादा अर्थव्यवस्था वाला देश कहा जाने वाला चाइना अब कंगाली की ओर बढ़ते जा रहा है। पूरी दुनिया को वस्तुएं निर्यात करने वाले देश की इकोनॉमी एक समय सबसे ज्यादा था लेकिन अब चीन की हालत पहले की तरह नहीं रही। इसकी सबसे बड़ी वजह कोरोना और इसकी वजह से बार-बार लगने वाला लॉक डाउन है।
चीन से निकले कोरोना वायरस ने पूरे देश में हाहाकार मचा दिया था और सुरक्षा के लिहाज से सभी देशों ने अपने स्तर पर लॉक डाउन लगा दिया था। इस वजह से एक देश से दूसरे देश में वस्तुओं का निर्यात भी बंद हो गया था। इस लॉकडाउन के बाद सभी देश एक तरह से आत्म निर्भर हो गए थे और दूसरे देशों पर निर्भर होना कम कर दिया था।
ख़बरों के मुताबिक, देश के अलग-अलग शहरों में बार-बार लगने वाले लॉकडाउन का चीन की अर्थव्यवस्था पर बहुत खराब असर हुआ है। इस साल अप्रैल से जून की तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर सिर्फ 0.4 प्रतिशत रही। प्रांतीय और स्थानीय सरकारों का राजस्व घटा है। इस स्थिति से वे अधिक कर्ज लेकर अपना काम चला रही हैं। बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक चीन में गैर-वित्तीय क्षेत्र पर कर्ज की मात्रा 51.87 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। यह चीन के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) से 295 प्रतिशत अधिक है। 1995 के बाद चीन पर इतना कर्ज कभी नहीं चढ़ा था। चीन की अगर वित्तीय हालत सच में खराब है तो चीन ने जिन जिन देशों को कर्ज दिया हुआ है हो सकता है उनसे भी रकम वसूला जाए।