ट्रांसपोर्ट नगर स्थित ऑफिस में टीम ने दबिश दी है। ईडी के 8 अधिकारी 2 वाहन से पहुंचे हैं। मिली जानकारी के अनुसार टीम ठेकेदारी से जुड़े कागजात खंगाल रही है। बता दें कि कोल स्कैम के बाद जांच एजेंसियों की नजर कोरबा जिले पर ही है।
स्टेशन रोड निवासी नगर निगम कोरबा के पूर्व पार्षद और व्यवसायी के यहां सुबह 5:00 बजे ही ईडी की टीम ने दस्तक दी। लगभग 5 घंटे की जांच के बाद ईडी की खाली हाथ वापस लौट गई।
दूसरी तरफ एक और टीम ने किराना गल्ला व्यवसायी के घर और दुकान में छापेमारी की। टीम के साथ आए सशस्त्र बल के जवान घर के बाहर निगरानी करते देखे गए।
पास के ही एक और कारोबारी पाम मॉल का मालिक के ठिकानों पर भी ईडी की छापे की खबर है। इसके अलावा रायपुर के शंकर नगर में कई ठेकेदार और कचना में भी ईडी की जांच जारी है।
बता दें कि इन सभी के यहां कार्रवाई के दौरान जांच में क्या मिला इसकी अभी तक पूरी तरह से जानकारी नहीं मिल पाई है। ईडी के एकबार फिर से सक्रिय होने से कारोबारियों में हडकंप मच गया है।
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि टाइल्स और जमीन कारोबारी के ठिकानों पर भी दस्तावेजों की जांच जारी है। बता दें कि इससे पहले ईडी की टीम ने रायगढ़ में सुनील रामदास अग्रवाल के ठिकानों पर कार्रवाई की थी।
ईडी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो खनिज विभाग और कोरबा, रायगढ़, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कांकेर सहित 12 जिला प्रशासन से डीएमएफ का हिसाब मांगा गया है।
ईडी की ओर से जारी पत्र के अनुसार, खनिज विभाग से सात बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। इसमें वर्षवार जिलों को आवंटित राशि और खर्च का ब्यौरा मांगा गया है। राज्य में दस हजार करोड़ की डीएमएफ राशि है।