आज की छतीसगढ़ की 5 बड़ी प्रमुख खबरें….

कांग्रेस को झटका! प्रदेश Congress के उपाध्यक्ष ने पार्टी छोड़ी….

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष पीआर खुंटे ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस से जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई है। इसलिए उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। खुंटे पलारी से विधायक रहे, और वो सारंगढ़ लोकसभा सीट से सांसद बने। बाद में वो जोगी शासनकाल में भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हो गए थे। खुंटे विधायक खरीद फरोख्त कांड में भी फंसे थे। बाद में वो कांग्रेस के जोगी खेमे से अलग हो गए।
सतनामी समाज के नेता खुंटे को अनुसूचित जाति विभाग का अध्यक्ष बनाया गया था, और वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने पार्टी छोडऩे को लेकर कांग्रेस की रीति-नीति की आलोचना की है। खुंटे ने कहा कि जिस उद्देश्य से राज्य का गठन किया गया था, वह पूरा होता नहीं दिख रहा है। खुंटे ने अपने भावी राजनीति कदम पर सिर्फ इतना ही कहा कि नई पार्टी बनाने या फिर भाजपा अथवा किसी दल में शामिल होने को लेकर जल्द कोई फैसला लेंगे।
5 लाख के इनामी नक्सली-कमांडर ने किया आत्मसमर्पण….

कोंडागांव। में 5 लाख के इनामी नक्सली कमांडर ने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पित नक्सली कमलदास उत्तर बस्तर डिविजन की टेक्निकल टीम एरिया कमेटी में कमांडर के पद पर कार्यरत था। नक्सलियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर उसने आत्मसमर्पण कर दिया कमलदास कोंडागांव, कांकेर, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा और बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई मुठभेड़ों में शामिल रहा है। वह भरमार बंदूक, हैंड ग्रेनेड और देशी लांचर बनाने के साथ-साथ अन्य हथियारों की मरम्मत में मास्टरमाइंड था कमलदास का नक्सली संगठन में 25 साल का लंबा इतिहास रहा है।
वह 1998 से 2001 तक जनमिलिशिया सदस्य रहा। इसके बाद 2005 से 2007 तक किसकोडो दलम में और 2008 से 2011 तक बुधयारमारी LOS कमांडर के रूप में काम किया। 2011 से 2016 तक पूर्वी बस्तर डिविजन के टेक्निकल डिपार्टमेंट में रहने के बाद 2016 से 2024 तक उत्तर बस्तर डिविजन में टेक्निकल टीम एरिया कमेटी कमांडर की जिम्मेदारी संभाली।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. के निर्देशन में यह अभियान चलाया जा रहा है छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत उसे 25,000 रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है। सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से माओवादियों में भय का माहौल है, जिसके कारण कई नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।
लालच देकर इंजीनियर से 50 लाख से ज्यादा की ठगी, ठगी का एक अजीबोगरीब मामला…

सरगुजा।छत्तीसगढ़ के सरगुजा में विदेश से महंगे गिफ्ट भेजने का झांसा देकर इंजीनियर से 78 लाख रुपए से अधिक की ठगी की गई है। ठगों ने डॉक्टर बनकर इंस्टाग्राम के जरिए दोस्ती की। फिर अमेरिका से आई फोन और विदेशी करेंसी का पार्सल भेजने की बात कहकर प्रोसेसिंग, इंश्योरेंस और कस्टम ड्यूटी के नाम पर पैसे ले लिए। अब साइबर थाने में FIR दर्ज हुई है। जानकारी के मुताबिक, लखनपुर थाना इलाके के रहने वाले रामाज्ञा सिंह (51) मनेंद्रगढ़ वन विभाग में इंजीनियर के पद पर पदस्थ हैं। रामाज्ञा की जून 2024 में इंस्टाग्राम यूजर डॉ. मतिल्दा हैरिसन निवासी यूनाईटेड किंगडम (यूके) से दोस्ती हुई थी। दोनों के बीच सामान्य बातचीत होने लगी।
ठग ने रामाज्ञा सिंह को झांसा दिया कि, वो अपने सर्विस का 6 साल पूरा कर चुका है। उसकी खुशी में यूके से गिफ्ट भेजा है। गिफ्ट में आईफोन-14, टी-शर्ट, परफ्यूम और विदेशी मुद्रा समेत कई सामान है। रामाज्ञा सिंह को वॉट्सऐप पर मैसेज भेजकर बताया कि, आप लोकल ट्रांसपोर्टिंग और प्रोसेसिंग फीस जमा कर गिफ्ट ले लेना। कुछ दिन बाद कथित कोरियर सर्विस मैनेजर दीपक शर्मा ने फोन कर महंगे गिफ्ट और विदेशी मुद्रा आने की जानकारी दी। उन्होंने डिलीवरी चार्ज के रूप में कई बार में डिक्लिरियेशन सर्टिफिकेट, कंफर्म सर्टिफिकेट, मॉनिटरी फंड, इनकम टैक्स सर्विस, इंश्योरेंस सर्विस चार्ज बताकर 17 जुलाई 2024 से 29 अक्टूबर 2024 तक कई खातों में 78 लाख 37 हजार 999 रुपए जमा करा लिए।
पीड़ित रामाज्ञा सिंह को बताया गया कि, उन्हें काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा और मंहगा गिफ्ट मिला है। शुरू में डिलीवरी चार्ज के नाम से 28 हजार रुपए 17 जुलाई 2024 को जमा कराया गया। बाद में कस्टम ड्यूटी के नाम पर 4 लाख 65 हजार रुपए, आर्म्स कंट्रोल यूनिट के लिए 6 लाख 75 हजार रुपए, जीएसटी के नाम पर 2 लाख 75 हजार रुपए और अन्य चार्जेज के नाम पर लाखों रुपए जमा कराए गए। रामाज्ञा सिंह को बताया गया कि, उन्हें जो गिफ्ट मिला है, उसकी कीमत एक करोड़ 35 लाख रुपए है। इसके एवज में टैक्स और प्रोसेस के लिए पैसे जमा कराएं। महंगे गिफ्ट के लालच में वे पैसे जमा करता रहा। जब 78 लाख रुपए से अधिक पैसे दे दिए और गिफ्ट नहीं मिला, तो ठगी का एहसास हुआ। साइबर सेल पुलिस ने मामले में धारा 66डी, 3(5), 318(4) के तहत अपराध दर्ज किया है। सरगुजा संभाग में एक व्यक्ति से ऑनलाइन ठगी की सबसे बड़ी रकम है। आशंका है कि रामाज्ञा सिंह किसी साइबर ठग गिरोह के झांसे में आ गए। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
आदिवासी किसान ने की आत्महत्या, सूदखोर से था परेशान, सुसाइड नोट में लिखी ये बात…

बिलासपुर।सूदखोरी से तंग आकर आदिवासी किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. यह घटना सकरी थाना क्षेत्र के भरनी की है. जानकारी के मुताबिक, मृतक किसान बृजभान सिंह बिंझवार ने खेती के लिए कर्ज लिया था. परिजनों ने ज्वाला खांडे पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
पुलिस ने घटना स्थल से सुसाइड नोट बरामद किया है. सुसाइड नोट में लिखा है कि कर्ज चुकाने के बाद भी 3 लाख रुपए मांग रहा था. सूदखोर ने किसान पुस्तिका गिरवी रख ली थी. परिजनों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

सुकमा। पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की गिरफ्तारी पर जिला कांग्रेस ने एक दिवसीय सुकमा बंद का आह्वान किया है, जिसका जिला मुख्यालय में असर देखने को मिल रहा है. सुबह से व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. इस बीच कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शहर में नारेबाजी करते हुए लखमा की गिरफ्तारी पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को बुधवार को ED (प्रवर्तन निदेशालय) ने तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर रिमांड के लिए जस्टिस अतुल श्रीवास्तव की कोर्ट में पेश किया था. जहां सुनवाई के बाद लखमा को 22 जनवरी तक के लिए 7 दिन की रिमांड में भेज दिया गया था. इस मामले में लखमा के बेटे हरीश को भी आरोपी बनाया है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है.
ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के शासनकाल के दौरान साल 2019 से 2022 तक लाइसेंसी शराब दुकानों पर डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बड़ी मात्रा में अवैध शराब बेची जाती थी, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ था. उस दौरान शराब को स्कैनिंग से बचाने के लिए नकली होलोग्राम भी लगाया जाता था, ताकि वह किसी की पकड़ में न आ सके. इस होलोग्राम को बनाने के लिए घोटाले में संलिप्त लोगों ने उत्तर प्रदेश के नोएडा में होलोग्राफी का काम करने वाली PHSE (प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड) कंपनी को टेंडर दिया था.
ईडी ने अपनी जांच के बाद यह बताया है कि यह कंपनी होलोग्राम बनाने के लिए पात्र नहीं थी, फिर भी नियमों में बदलाव कर उसी कंपनी को टेंडर दे दिया गया था. ईडी के टेंडर दिलाने के एवज में कंपनी के मालिक से भारी कमीशन लिया गया था. यह जानकारी सामने आने के बाद जब कंपनी के मालिक विधु गुप्ता को ईडी ने गिरफ्तार किया तो उसने कांग्रेस सरकार में CSMCL में एमडी अरुणपति त्रिपाठी, बिजनेसमैन अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा का नाम लिया.
ED ने जब इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया, तो मामले में और भी खुलासे होने लगे. इसके बाद साल 2024 के अंत में कांग्रेस विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम सामने आया. सूत्रों के मुताबिक, ED की जांच में पता चला है कि कवासी लखमा को शराब घोटाले से पीओसी (प्रोसीड ऑफ क्राइम) से हर महीने कमीशन मिलाता था।