वाह भाई..कॉलेज में स्टडी, खाली समय में फुटपाथ पर भेल की दुकान, छत्तीसगढ़ की बेटियां बनीं एक मिसाल…..
जशपुर।एमबीए प्रफुल्ल बिल्लौरे चायवाला की कहानी से इंस्पायर होकर जशपुर जिले की दो छात्राएं फुटपाथ किनारे भेल की दुकान लगाकर बेरोजगारों के लिए मिसाल बन गई हैं। दीपा और कल्पना खाली वक्त में फुटपाथ पर जशपुरिहा भेल की दुकान लगाती हैं और दिन के वक्त कॉलेज में अपनी पढ़ाई करती हैं। इससे वो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ रूम का किराया और छोटी जरूरतों को पूरा कर रही हैं।
दीपा और कल्पना जशपुर जिले के फरसाबहार और कांसाबेल की रहने वाली हैं। दोनों यहां रोजगार करने के लिए नहीं बल्कि, कुछ नया करने के इरादे से आईं हैं। दीपा गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बीकॉम एलएलबी फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं और उसकी सहेली कल्पना 12वीं कक्षा के बाद जेई मेंस की तैयारी कर रही हैं। दोनों बिलासपुर शहर के कुदुदंड में किराये पर रूम लेकर रहती हैं। पढ़ाई के बाद जो खाली समय मिलता है उसका यूटिलाइज करते हुए इन्होंने अपनी आय का तरीका खोज निकाला है।
दीपा और कल्पना बताती हैं कि उनके मन में शुरू से यह था कि अच्छे से पढ़ाई करना है। लेकिन, जशपुर में पढ़ाई का बेहतर माहौल नहीं है। इसलिए उन्होंने बिलासपुर में रहकर पढ़ाई करने का मन बनाया। शुरू से ही दोनों अपने पैरों पर खुद खड़ा होना चाहती थी। दोनों सहेलियों का कहना है कि उनके पैरेंट्स किसान हैं। लेकिन, इतनी भी आर्थिक तंगी नहीं है कि वो हमारे पढ़ाई का खर्च वहन न कर सके। बल्कि, उनके कहने पर ही दोनों पढ़ने के लिए यहां आई हैं। उनका मानना है कि बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी ही जरूरी नहीं है। पढ़ाई के समय उनके लिए कुछ घंटों की नौकरी भी संभव नहीं है। ऐसे में उन्होंने जशपुरिहा भेल की दुकान लगाने की योजना बनाई। इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है और उनकी अच्छी कमाई भी होने लगी है।
दीपा कहती हैं कि कुछ दिन पहले बिलासा कॉलेज की एक दीदी आई थी, जो उन्हें देखकर कहने लगीं कि इस तरह से सड़क में दुकान लगाती हो तो गिल्ट फील नहीं होती। हमने उन्हें बताया कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, बस सोच अच्छी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अब वो अपनी इस दुकान को इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया में भी वायरल करती हैं, ताकि उनके इस काम से दूसरे लोग भी प्रेरणा ले सकें