हाथियों की धमक से बचाव व लोकेशन की जानकारी सहित वनों की रक्षा हेतु ग्रामीणों को जागरूक करने जुटे वन अभ्यारण्य के कर्मचारीयों ने झोंकी अपनी पूरी ताकत..
” आधी रात में भी ग्रामीणों के बीच पहुंच कर रहे अपने कर्तव्यों का निर्वाहन “
नारायणपुर। बादल खोल अभ्यारण्य क्षेत्र में इन दिनों हाथियों का आतंक चरम सीमा पर है तो वहीं वनों को नुकसान पहुंचाने असामाजिक तत्वों की सक्रियता भी बढ़ी है इनसे निपटने अब यहां वन अमला ने कमर कस लिया है।लगातार सर्चिंग में गति देने और ग्रामीणों के बीच पहुंच उन्हे जागरूक करने में वन अमला इस वक्त जुटा हुआ है।
ज्ञात हो कि बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र अंतर्गत इस वक्त वन अमला पूरी तरह सक्रिय हुआ है।जगलों को नुकसान से बचाने लगातार सचिन में तेजी कर दी गई है।वन अमला के द्वारा यहां जंगलों में दिन रात घूम घूम कर नजर रखा जा रहा है । इन दिनों हाथियों का आतंक भी क्षेत्र में बढ़ा है जिससे सुरक्षा और जानकारी ग्रामीणों को समय पर पहुंचाने भी वन अमला ने ताकत झोंकना शुरू कर दिया है।बताया जा रहा हाथियों के लोकेशन पर अब पूरी तरह नजर रखना यहां वन अमला ने शुरू कर दिया है जैसे ही हाथी ग्राम के तरह पहुंचता दिखाई दे रहा तत्काल ग्रामीणों को सूचना देकर सजग रहने कहा जा रहा सुरक्षा की दृष्टि से हाथी का लोकेशन मिलते ही वन अमला के द्वारा मुनादी भी कराया जा रहा है।हाथी का समय पर लोकेशन मिल जाने से ग्रामीणों को भारी जन धन की हानी से बचाया जा सकता है जिसे समझते हुवे वन अमला अब अपने कर्तव्यों का निर्वाहन पूरी तरह से करने में जुटा हुआ है।बताया जा रहा लगातार हो रही बारिश में भी वन अमला क्षेत्र में डटा हुआ है और बादल खोल अभ्यारण्य क्षेत्र में सर्चिंग कर अपने कर्तव्यों का निर्वाहन कर रहा है।
बादलखोल अभ्यारण्य के उप निदेशक एलिफेंट रिजर्व के श्रीनिवास तेन्नेटी ने विशेष रुचि लेते हुए नारायणपुर रेंज के 5 सर्किल जिसमे साहीडाँड़,बच्छरांव, बेन्द,नारायणपुर, सरबकोम्बो सहित 4 वन ग्रामो के लिए टार्च की व्यवस्था भी करा दी गई है, वन्ही रेंज के लिए अतिरिक्त दो सायरन माइक्रो फोन भी तत्काल व्यवस्था बना दी गई।
बादलखोल अभयारण्य नारायणपुर के उप निदेशक एलिफेंट रिजर्व श्रीनिवास तेन्नेटी के दिशा निर्देश एवं अधीक्षक बादलखोल अभ्यारण्य के बी बी केरकेट्टा के मार्ग दर्शन पर प्रतिदिन अभ्यारण्य के समस्त स्टाफ अपने अपने क्षेत्र में गांव के ग्रामीणों की मदद से शाम होते ही अर्ध रात्रि तक गांव गांव जाकर मुनादी कर हाथी लोकेशन की जानकारी उपलब्ध करा कर घर से न निकलने की सलाह दे रहे है। घूम रहे हाथियों के हमले से सतर्क रहने के लिए गांव में मुनादी कराई जा रही है। वन्ही अधिकारी के निर्देश पर रेंजर ने अपने मैदानी अमले को तैनात कर दिया है। विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने गांव गांव जाकर ग्रामीणों की बैठक लेकर उन्हें जागरूक करते हुए बताया जा रहा है कि अनावश्यक जंगल न जाये, गांव में कटहल को जल्द तोड़ लें, बाहरी दीवाल के सटा कर धान न रखें, हड़िया दारू बनाने पर ज्यादा जोर न दे।क्योंकि इन्ही सब कारणों की वजहों से हाथियों के द्वारा मकानों को निशाना बनाया जाता है। हाथी जिस तरफ से आएं उन्हें घबराना नहीं है। जिस तरफ उनका मूवमेंट होता है उसके वितरीत दिशा में दौड़ लगाएं। जंगलों में कुछ वाच टावर बनाए गए हैं जहां पहुंचकर वे अपनी जान हाथियों से बचा सकते हैं।इसके अलावा मुनादी के दौरान उन्हें हाथी जिस जगह पर है, उसकी जानकारी भी ग्रामीणों को दी जा रही है, ताकि वह उस क्षेत्र के आसपास भी न जाए। अन्यथा ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।